पाकिस्तान (Pakistan) का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खाली है। विदेशों से सामान पेट्रोल और खाने पीने के सामान खरीदने में भी पाकिस्तान सरकार को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में बेशकीमती डॉलर को बचाए रखने के लिए पाकिस्तान की सरकार ने पिछले साल से लग्जरी कारों और मोबाइल के साथ अन्य महंगे सामानों के आयात पर रोक लगा रखी है।
इससे भले ही पाकिस्तान की आवाम परेशान हो, लेकिन नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को इसकी मदद से वित्त वर्ष 2022-23 में अपने व्यापार घाटे को 43 प्रतिशत कम करने में कामयाबी मिली है। पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो (पीबीएस) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 में आयात 31 प्रतिशत घटकर 55.29 अरब डॉलर रहा। एक साल पहले यह 80.13 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर रहा था।
27.55 अरब डॉलर पर आया व्यापार घाटा
पाकिस्तान के अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, जून में समाप्त वित्त वर्ष में व्यापार घाटा एक साल पहले की तुलना में 43 प्रतिशत घटकर 27.55 अरब डॉलर पर आ गया। वित्त वर्ष 2021-22 में पाकिस्तान का व्यापार घाटा बढ़कर 48.35 अरब डॉलर हो गया था। व्यापार घाटे में बड़ी गिरावट का श्रेय आयात में कटौती के सरकारी प्रयासों को दिया गया है।
घाटा कम करने के चक्कर में इकोनॉमी चौपट
रिपोर्ट कहती है कि विदेशी मुद्रा भंडार की भारी किल्लत का सामना कर रहे पाकिस्तान ने आयात बोझ कम करके व्यापार घाटे को कम किया है। हालांकि, आयात कम करने का असर पाकिस्तान की आर्थिक गतिविधियों पर पड़ा है और इसकी वार्षिक वृद्धि दर घटकर सिर्फ 0.3 प्रतिशत हो गई जबकि एक साल पहले इसकी वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रही थी। वृद्धि दर में आई गिरावट में पिछले साल आई भीषण बाढ़ की भी बड़ी भूमिका रही है।