Friday, November 15, 2024
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  4. केबिनेट ने दी डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल को मंजूरी, जानिए आप पर क्या होगा असर

आपकी प्राइवेसी पर डाका डालने वालों पर लगेगा 250 करोड़ का जुर्माना! केबिनेट ने दी पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल को मंजूरी

मॉनसून सत्र में संसद में इस बिल को लाया जा सकता है. केंद्र ने बीते साल नवंबर में ड्राफ्ट पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल (Personal Data Protection Bill 2022) को प्रकाशित किया था.

Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: July 07, 2023 11:36 IST
data leak- India TV Paisa
Photo:FILE data leak

भारत में आप हर दिन डेटा की चोरी (Data Leak) के साथ ही व्यक्तिगत जानकारियों की कालाबाजारी की खबरें सुनते होंगे। अब आम लोगों की निजता से जुड़ी इस महत्वपूर्ण जानकारी की सुरक्षा के लिए आज केंद्रीय केबिनेट ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल (Central Cabinet) ने बुधवार को डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल (DPDP) विधेयक को मंजूरी दे दी। अब इस विधेयक को संसद के आगामी मानसून सत्र में पेश किया जाएगा। जहां राज्य सभा और लोकसभा में इस बिल पर चर्चा के बाद पारित किया जाएगा।

सरकारी सूत्रों ने कहा, “विधेयक का लक्ष्य इंटरनेट कंपनियों, मोबाइल ऐप और निजी कंपनियों जैसी इकाइयों को ‘निजता के अधिकार’ के तहत नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी के संग्रह, भंडारण और प्रसंस्करण के बारे में और ज्यादा जिम्मेदार और जवाबदेह बनाना है।” उन्होंने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल के मसौदे को मंजूरी दे दी है। इसे संसद के आगामी मानसून सत्र में पेश किया जाएगा।’’ संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होगा और 11 अगस्त तक चलेगा। 

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था कानून बनाने का आदेश 

डीपीडीपी विधेयक पर काम पिछले साल 27 अगस्त को उच्चतम न्यायालय के उस आदेश के बाद शुरू हो गया था, जिसमें ‘निजता के अधिकार को मूलभूत अधिकार’ बताया गया है। सरकार ने व्यक्तिगत सूचना विधेयक को अगस्त, 2022 में वापस ले लिया था। इसे सबसे पहले 2019 के अंत में पेश किया गया था। इसके नए संस्करण के मसौदे को नवंबर, 2022 में जारी किया गया। सूत्र के अनुसार, विधेयक में पिछले मसौदे के लगभग सभी प्रावधानों को शामिल किया गया है। उस मसौदे को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने परामर्श के लिये जारी किया था। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित कानून में सरकारी विभागों को पूरी तरह से छूट नहीं दी गयी है। 

कैसे होगी आपकी निजता की सुरक्षा 

सूत्र ने कहा, “विवादों के मामले में सूचना संरक्षण बोर्ड फैसला करेगा। नागरिकों को दिवानी अदालत में जाकर मुआवजे का दावा करने का अधिकार होगा। कई चीजें हैं जो धीरे-धीरे विकसित होंगी।” उन्होंने कहा, “कानून लागू होने के बाद व्यक्तियों को अपने आंकड़े, उसके रखरखाव आदि के बारे में विवरण मांगने का अधिकार होगा।” सूत्र ने बताया, “इस मसौदे को व्यापक विचार-विमर्श के बाद मंत्रिमंडल के समक्ष रखा गया। 

250 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव

कानून बनने के बाद सार्वजनिक और निजी, दोनों तरह की कई संस्थाओं को निजी जानकारी एकत्र करने और संसाधित करने के लिए उपयोगकर्ताओं से सहमति लेने की जरूरत होगी। विधेयक में नियमों के उल्लंघन के प्रत्येक मामले में संबंधित इकाई पर 250 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव किया गया है। मसौदे पर कुल मिलाकर लगभग 21,660 सुझाव प्राप्त हुए और उनमें से प्रत्येक पर विचार किया गया। मसौदे को अंतिम रूप देने से पहले सरकार के बाहर 48 संगठनों और सरकार के भीतर 38 संगठनों के साथ परामर्श किया गया था।” 

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