किसानों के स्वामित्व वाली दुग्ध उत्पादक कंपनियों की दूध की खरीद तीन गुना से अधिक होने का अनुमान है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के अनुसार अगले पांच साल में मूल्य के लिहाज से यह खरीद बढ़कर 18,000 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगी। एनडीडीबी के चेयरमैन मीनेश शाह ने कहा कि दूध उत्पादक कंपनियों ने पिछले वित्त वर्ष में 5,575 करोड़ रुपये का दूध खरीदा और अगले पांच साल में यह आंकड़ा तीन गुना से अधिक होकर लगभग 18,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि एनडीडीबी अपनी इकाई एनडीडीबी डेयरी सर्विसेज के माध्यम से देशभर में और अधिक दुग्ध उत्पादक कंपनियों की स्थापना में मदद करेगी।
स्टार्टअप की अवधारणा आई
शाह 12-15 सितंबर के दौरान ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश में आयोजित आईडीएफ विश्व डेयरी सम्मेलन-2022 को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘स्टार्टअप की अवधारणा भले ही हाल ही में आई हो लेकिन दूध उत्पादक कंपनियां लंबे समय से काम कर रही हैं और ये असली स्टार्टअप हैं।’’ शाह ने कहा कि 7,50,000 किसानों ने लगभग 20 उत्पादक-स्वामित्व वाली इकाइयां बनाई हैं। इनमें 70 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। शाह ने कहा, ‘‘पहले किसान संगठन की स्थापना के बाद से अबतक यह संख्या बढ़कर 20 हो गई है। कुल मिलाकर किसान सदस्यों को उनके द्वारा अपने संबंधित संगठन को आपूर्ति किए गए दूध के बदले में पिछले वित्त वर्ष (2021-2022) तक लगभग 27,500 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।’’
40 लाख लीटर से अधिक दूध की खरीद
उन्होंने इनमें से कुछ दूध उत्पादक कंपनियों द्वारा मूल्यवर्धित डेयरी उत्पादों की पेशकश किए जाने की सराहना की। इन 20 में से 18 किसान-स्वामित्व वाले संगठन चालू हो गए हैं और पिछले वित्त वर्ष के अंत तक उन्होंने प्रतिदिन 40 लाख लीटर से अधिक दूध की खरीद की है। दुग्ध उत्पादक कंपनियों द्वारा दूध की खरीद अगले पांच वर्षों में प्रतिदिन 100 लाख लीटर तक पहुंचने की उम्मीद है।