चंडीगढ़ प्रशासन ने गैर-इलेक्ट्रिक यानी पेट्रोल दोपहिया वाहनों के पंजीकरण पर चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि के लिए रोक लगा दी है। चंडीगढ़ प्रशासन की नीति से सैकड़ों दोपहिया खरीदार इस समय असमंजस में हैं। पंजीकरण और लाइसेंसिंग प्राधिकरण (आरएलए) के नोटिस के अनुसार, केंद्रशासित क्षेत्र में पेट्रोल इंजन वाले दोपहिया वाहनों के पंजीकरण पर 10 फरवरी के बाद से मार्च अंत के लिए रोक लगा दी गई है।
उद्योग जगत के सूत्रों के अनुसार, इस पाबंदी की वजह से वाहन डीलर 'वाहन' पोर्टल पर पंजीकरण की प्रक्रिया भी पूरी नहीं कर पा रहे हैं। इससे दोपहिया वाहन खरीदने वाले ग्राहकों को अब उच्च सुरक्षा वाली नंबर प्लेट (एचएसआरपी) और पंजीकरण प्रमाणपत्र (आरसी) भी नहीं मिल पा रही है। वे अपने वाहन का उपयोग भी नहीं कर पा रहे हैं।
मझदार में फंसे ग्राहक
गोपनीयता की शर्त पर एक डीलर ने कहा, “ऐसा नियम मनमाना है और ग्राहक के हाथ से विकल्प का मौका छीनने का काम करता है। पहले ही दोपहिया वाहन खरीद चुके या खरीदने जा रहे लोग अब मझधार में फंस गए हैं। कई लोगों के लिए तो दोपहिया वाहन रोजी-रोटी का जरिया भी हैं।” उन्होंने कहा, “इस नीति का मसौदा व्यावहारिक चुनौतियों पर गौर किए बिना ही तैयार किया गया है। अगर इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का उत्पादन कुल दोपहिया वाहनों का 35 प्रतिशत नहीं है तो प्रशासन यह दबाव किस तरह बना सकता है कि इसकी बिक्री 35 प्रतिशत होनी चाहिए।”
चार्जिंग स्टेशन भी नाम मात्र के
गौर करने वाली बात है कि चंडीगढ़ शहर में सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन काफी कम संख्या में हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, उनमें से भी ज्यादातर सक्रिय नहीं हैं। एक ग्राहक ने कहा, “इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) उत्पाद की कीमत लगभग दोगुनी होती है। मैं इसे नहीं खरीद सकता। साथ ही लुधियाना से चंडीगढ़ के रास्ते में कोई चार्जिंग स्टेशन नहीं होने से मैं यात्रा किस तरह करूंगा? अगर चार्जिंग स्टेशन मिलते भी हैं तो चार्ज होने में घंटों लग जाते हैं।”
सितंबर में आई थी ईवी पॉलिसी
सितंबर, 2022 में आई ईवी नीति के तहत चंडीगढ़ प्रशासन गैर-इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों के पंजीकरण 2024-25 (अप्रैल, 2024) से बंद कर देगा। प्रशासन ने पेट्रोल वाले दोपहिया वाहनों के 65 प्रतिशत पंजीकरण हो जाने के बाद 10 फरवरी से ऐसे वाहनों के पंजीकरण पर मार्च 2023 के अंत तक रोक लगा दी है।