Currency Printing: महंगाई ने हर किसी की नाक में दम कर रखा है। जेब में रखे पैसे कब उड़न छू हो जाते हैं हमें पता ही नहीं चलता। लेकिन महंगाई के इस दौर में सरकार के लिए नोट छपाना भी महंगा पड़ रहा है। नोटबंदी (Demonetisation) के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में आए 200 और 500 के नोट छापना सरकार को सबसे ज्यादा महंगा पड़ रहा है।
नोटों की छपाई के खर्च का खुलासा एक आरटीआई (RTI) में हुआ है। इससे पहला चला है कि नोटों की छपाई (Currency Printing) पर आरबीआई (RBI) को कितना भुगतान करना पड़ता है? रिजर्व बैंक 500 की एक गड्डी यानि 1000 नोट को छापने में 2,290 रुपये खर्च करती है। वहीं 200 के एक नोट को छापने में सरकार को 2,370 रुपये खर्च करने होते हैं।
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एक साल में बढ़ गई छपाई की लागत
सूचना के अधिकार से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, बीते एक साल में महंगाई की सबसे बुरी मार 50 रुपये के नोट पर पड़ी है। इसकी छपाई की लागत एक साल में 210 रुपये बढ़ गई है। आरबीआई को 50 रुपये की गड्डी छापने के लिए पिछले फाइनेंशियल ईयर में 1,130 रुपये का भुगतान करना पड़ा। इस तरह देखें तो आरबीआई को 20 रुपये के नोट से ज्यादा 10 रुपये के नोट और 500 रुपये से ज्यादा 200 रुपये के नोटों की छपाई महंगी पड़ी।
देश में सबसे ज्यादा 100 और 500 रुपये के जाली नोट
देश में जाली नोटों के कारोबार लगातार फलफूल रहा है। कोरोना संकट के बीच तो इस काले कारोबार में दोगुनी की बढ़ोत्तरी हुई है। रिजर्व बैंक की ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश में बीते साल 500 रुपये के 79,669 जाली नोट पकड़े गए। यह संख्या इससे पिछले साल के मुकाबले दोगुनी है। चौंकाने वाली बात यह है कि सबसे ज्यादा फर्जी नोट 100 और 500 रुपये के हैं। हालांकि 100 रुपये के फर्जी नोटों की संख्या में कमी दर्ज की गई है। बैंकिंग प्रणाली में 2021-22 में मिले कुल जाली नोटों में से 6.9 प्रतिशत रिजर्व बैंक में पकड़ में आए और 93.1 फीसदी अन्य बैंकों में मिले।
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2000 का नोट हुआ मार्केट से आउट?
रिजर्व बैंक की ताजा रिपोर्ट के अनुसार बीते वित्त वर्ष में 2000 के नोट के प्रचलन में काफी गिरावट आई है और इस साल मार्च अंत तक चलन वाले कुल नोट में इनकी हिस्सेदारी घटकर 214 करोड़ या 1.6 प्रतिशत रह गई। आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार इस साल मार्च तक सभी मूल्यवर्ग के नोटों की कुल संख्या 13,053 करोड़ थी। इससे एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 12,437 करोड़ था।
इन शहरों में छपते हैं नोट और सिक्के
भारत में नोटों की छपाई का काम चार प्रेस में होता है। आरबीआई की सब्सिडियरी BRBNML के दो प्रेस मैसुरू (Mysuru) और सालबोनी (Salboni) में हैं। वहीं भारत सरकार की सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SPMCIL) की प्रेस नासिक (Nasik) और देवास (Dewas) में हैं। सिक्कों की ढलाई का काम सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की चार जगहों पर होता है। इसमें मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता और नोएडा में शामिल हैं।