Highlights
- बजट में क्रिप्टोकरेंसी पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का ऐलान किया गया था
- जीएसटी में लाकर पूरे लेनदेन मूल्य पर टैक्स लगाने की योजना
- क्रिप्टो को रेगुलेट करने के लिए कानून लाने पर चल रहा है काम
नई दिल्ली। सरकार जीएसटी के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी को लाने की तैयारी कर रही है, ताकि पूरे लेनदेन के मूल्य पर टैक्स लगाया जा सके। वर्तमान में 18 प्रतिशत वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) केवल क्रिप्टो एक्सचेंजों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा पर लगाया जाता है। इसे वित्तीय सेवाओं के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। वहीं, सरकार की तैयारी सोने के मामले में लेनदेन मूल्य पर 3 फीसदी जीएसटी लिया जाता है। वैसे ही क्रिप्टो के लेनदेन पर टैक्स लिया जाए।
पूरे लेनदेन पर जीएसटी लगाने की योजना
वहीं, जीएसटी अधिकारियों का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेश लॉटरी, कैसीनो, सट्टेबाजी, जुआ, घुड़दौड़ के समान हैं। इन सभी पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी वसूला जाता है। इसके अलावा, सोने के मामले में पूरे लेनदेन मूल्य पर 3 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है। वहीं, एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि अगर क्रिप्टोकरेंसी के पूरे लेनदेन पर जीएसटी लगाया जाता है तो यह दर 0.1 से 1 फीसदी के दायरे में हो सकती है।
बजट में 30 फीसदी की दर से टैक्स लगाया गया था
फरवरी में आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो टैक्स का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि 1 अप्रैल, 2022 से Crypto Tax फ्लैट 30 फीसदी होगा। यह टैक्स क्रिप्टोकरेंसी और NFT सभी पर लागू होगा. इसके अलावा 4 फीसदी का सरचार्ज और सेस भी लगेगा। क्रिप्टो टैक्स कैपिटल गेन की तरह नहीं होगा जो होल्डिंग पीरियड पर निर्भर करता है। मतलब, आपने डिजिटल असेट में कितना लंबा निवेश किया है, इससे टैक्स रेट पर कोई असर नहीं होगा। साथ ही वर्चुअल डिजिटल एसेट के ट्रांसफर पर 1 फीसदी का टीडीएस वसूल किया जाएगा।
कानून लाने पर चल रहा है काम
सकरार क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी दायरे में लाने के लिए काम कर रही है। क्रिप्टो के कानून पर काम चल रहा है और जल्द उम्मीद की जा रही है कि सरकार नया कानून लेकर आ जाएगी। वहीं, दूसरी ओर आरबीआई भी अपनी डिजिटल करेंसी इस साल लॉन्च करने की तैयारी में है।