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Crude Oil की कीमतों में लगी आग, मिडिल ईस्ट में बड़े संघर्ष की आशंका में इस लेवल पर उछल गया भाव

ईरान द्वारा 1 अक्टूबर को इजरायल के खिलाफ मिसाइल हमले के बाद चिंता जताई गई कि इजरायल का रिएक्शन तेहरान के तेल बुनियादी ढांचे को टारगेट करेगी। अगर ऐसा होता है, तो तेल की कीमतें 3 से 5 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ सकती हैं।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published on: October 08, 2024 8:36 IST
बाजार में बहुत अधिक शॉर्ट-कवरिंग है जो पिछले सप्ताह शुरू हुई थी और अभी भी जारी है।- India TV Paisa
Photo:FILE बाजार में बहुत अधिक शॉर्ट-कवरिंग है जो पिछले सप्ताह शुरू हुई थी और अभी भी जारी है।

मध्य पूर्व में व्यापक संघर्ष की आशंकाओं ने क्रूड ऑयल में उबाल ला दिया है। तेल की कीमतों में 3 प्रतिशत से ज्यादा की उछाल दर्ज की गई है और ब्रेंट क्रूड 80 डॉलर के करीब पहुंच गया है। अगस्त के बाद पहली बार ब्रेंट का भाव 80 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर पहुंच गया। रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, क्षेत्र-व्यापी मध्य पूर्व युद्ध के बढ़ते जोखिम ने निवेशकों को पिछले महीने की रिकॉर्ड मंदी की स्थिति से बाहर निकाल दिया। ब्रेंट क्रूड वायदा 2.88 डॉलर या 3.7% बढ़कर 80.93 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। यू.एस. वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट वायदा 2.76 डॉलर या 3.7% बढ़कर 77.14 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

तब 3 से 5 डॉलर प्रति बैरल तक महंगा हो सकता है क्रूड

खबर के मुताबिक, बीते सप्ताह ब्रेंट 8 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा और WTI सप्ताह-दर-सप्ताह 9% से अधिक बढ़ा, जो एक साल से अधिक समय में सबसे अधिक है। ईरान द्वारा 1 अक्टूबर को इजरायल के खिलाफ मिसाइल हमले के बाद चिंता जताई गई कि इजरायल का रिएक्शन तेहरान के तेल बुनियादी ढांचे को टारगेट करेगी। लिपो ऑयल एसोसिएट्स के अध्यक्ष एंड्रयू लिपो ने कहा कि अगर ऐसा होता है, तो तेल की कीमतें 3 से 5 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ सकती हैं।

पूरे मध्य पूर्व में संघर्ष फैला

ईरान समर्थित हिजबुल्लाह द्वारा दागे गए रॉकेटों ने सोमवार को तड़के इजरायल के तीसरे सबसे बड़े शहर हाइफा को निशाना बनाया। इस बीच, इजरायल गाजा युद्ध की पहली वर्षगांठ पर दक्षिणी लेबनान में जमीनी घुसपैठ का विस्तार करने के लिए तैयार दिख रहा है, जिसने पूरे मध्य पूर्व में संघर्ष फैला दिया है। ट्यूडर, पिकरिंग, होल्ट एंड कंपनी के विश्लेषकों ने सोमवार को लिखा कि इस बात की चिंता बढ़ रही है कि संघर्ष बढ़ता ही जा सकता है। यह संघर्ष न केवल ईरान के 3.4 एमएमबीओपीडी (प्रति दिन मिलियन बैरल तेल) उत्पादन को जोखिम में डालता है, बल्कि रीजनल सप्लाई में और अड़चन पैदा करता है।

अभी खरीदें, बाद में सवाल पूछें, ऐसा बाजार

यूबीएस के विश्लेषक जियोवानी स्टानोवो का कहना है कि सोमवार की बढ़त संभवतः मध्य पूर्वी तेल सप्लाई में व्यवधान के बढ़ते जोखिम पर मनी मैनेजरों द्वारा मंदी के दांव को बंद करने से प्रेरित थी। रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, हेज फंड और मनी मैनेजर्स ने सितंबर के मध्य तक तेल वायदा में रिकॉर्ड मंदी के दांव लगाए थे, खासकर चीन में मांग में कमी के कारण, जो कच्चे तेल का सबसे बड़ा आयातक है। न्यूयॉर्क में अगेन कैपिटल के पार्टनर जॉन किल्डफ ने कहा कि बाजार में बहुत अधिक शॉर्ट-कवरिंग है जो पिछले सप्ताह शुरू हुई थी और अभी भी जारी है। उन्होंने कहा कि यह अभी खरीदें, बाद में सवाल पूछें, ऐसा बाजार है।

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