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कच्चा तेल 8 साल बाद 110 डॉलर प्रति बैरल के पार, चुनाव के बाद पेट्रोल-डीजल में भूचाल आना तय

आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 25 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कच्चा तेल 1 डॉलर प्रति बैरल महंगा होने पर देश में पेट्रोल-डीजल के दाम औसतन 55-60 पैसे प्रति लीटर बढ़ जाते हैं।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: March 02, 2022 15:38 IST
petrol- India TV Paisa
Photo:FILE

petrol

Highlights

  • 2014 में इससे पहले कच्चा तेल 110 डॉलर पर पहुंचा था
  • 3 नवंबर,2021 से लेकर अब तक पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलाव नहीं
  • इस दौरान कच्चा तेल 33 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा महंगा हो गया

नई दिल्ली। रूस और युक्रेन के बीच युद्ध ने कच्चे तेल के दाम में आग लगा दी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में 8 साल बाद फिर कच्चा तेल (ब्रेंट क्रूड) 5.43 डॉलर बढ़कर 110.40 डॉलर पर पहुंच गया। आपको बता दें कि 2014 में इससे पहले कच्चा तेल 110 डॉलर पर पहुंचा था। इसको देखते हुए एनर्जी एक्सपर्ट का मानना है कि राज्यों के चुनाव बाद देश में पेट्रोल-डीजल के दाम में बड़ा उछाल आने की पूरी संभावना है क्योंकि सरकार के पास ईंधन के दाम में बढ़ोतरी के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं बचा है। 

कितने बढ़ सकते हैं देश में ईंधन के दाम 

आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड करेंसी) अनुज गुप्ता ने इंडिया टीवी को बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 110 डॉलर प्रति बैरल पार पहुंच गई हैं। वहीं, दूसरी ओर तेल कंपनियों ने 3 नवंबर,2021 से लेकर अब तक पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। चुनाव के कारण कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हुई लेकिन इस दौरान कच्चा तेल 33 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा महंगा हो गया है। इतना ही नहीं, यूक्रेन-रूस संकट गहराने के चलते आगे भी आपूर्ति बाधित होने की पूरी आशंका है। इससे आगे भी इसमें तेजी जारी रह सकती है। ऐसे में आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 25 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कच्चा तेल 1 डॉलर प्रति बैरल महंगा होने पर देश में पेट्रोल-डीजल के दाम औसतन 55-60 पैसे प्रति लीटर बढ़ जाते हैं।

रणनीतिक भंडारों से तेल देने का भी असर नहीं 

अमेरिका समेत अन्य प्रमुख देशों की सरकारों द्वारा रणनीतिक भंडारों से तेल जारी करने की प्रतिबद्धता भी रूस के यूक्रेन पर हमले के कारण सकते में आए बाजारों को शांत करने में विफल रही है। बुधवार को तेल की वैश्विक कीमतों में पांच डॉलर प्रति बैरल की वृद्धि हो गई। अमेरिकी मानक कच्चे तेल का दाम 5.24 डॉलर प्रति बैरल बढ़कर 108.60 पर पहुंच गया। वहीं अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड बढ़कर 110.40 डॉलर पर पहुंच गया। इससे पहले, मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के सभी 31 सदस्य देशों ने अपने रणनीतिक भंडारों से 6 करोड़ बैरल तेल जारी करने पर सहमति जताई थी। उन्होंने तेल बाजार को यह संकेत देने के लिए यह कदम उठाया कि रूस के यूक्रेन पर हमले से तेल आपूर्ति में कोई कमी नहीं होगी। हालांकि यह कदम भी तेल के दूसरे सबसे बड़े निर्यातक रूस से आपूर्ति में व्यवधान को लेकर उपजी चिंताएं शांत नहीं कर पाया। 

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