आरबीआई की ओर से हाल ही में क्रेडिट कार्ड के बिलिंग साइकिल के नियम में बड़ा बदलाव किया गया है। इस नियम के बाद आप आसानी से अपने क्रेडिट कार्ड की बिलिंग या स्टेटमेंट डेट को अपनी सुविधा के अनुसार बदल सकते हैं। आज हम इस आर्टिकल में बिलिंग के इस नए नियम के बारे में विस्तार से जा रहे हैं कि आखिर ग्राहकों पर इसका क्या असर होगा।
क्या है क्रेडिट कार्ड बिलिंग साइकिल?
हर क्रेडिट कार्ड कंपनी की ओर से ग्राहकों को एक अवधि दी जाती है। इस दौरान कार्ड से किए गए सभी खर्चों को कंपनी एक निश्चित तारीख पर जोड़कर बिल के रूप में ग्राहक को दे देती है। बिल जनरेट होने के कुछ दिन (आमतौर पर 10 से 15 दिन) के बाद ग्राहकों को ड्यू डेट पर इस बिल का भुगतान करना होता है। इसे ही क्रेडिट कार्ड बिलिंग साइकिल कहा जाता है।
नए नियम का ग्राहकों पर क्या होगा असर?
अब तक केवल क्रेडिट कार्ड कंपनियां तय करती थी कि ग्राहक को जारी किए गए क्रेडिट कार्ड की बिलिंग साइकिल क्या होगी। लेकिन आरबीआई द्वारा नियम जारी होने के बाद ग्राहक अपनी मर्जी के मुताबिक कम से कम एक बार अपने क्रेडिट कार्ड की बिलिंग साइकिल को अपने हिसाब से बदल सकते हैं।
फायदे
- आप अपनी सुविधा और कैश फ्लो के अनुसार क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट की तारीख तय कर सकते हैं।
- आप क्रेडिट कार्ड में ब्याज फ्री पीरियड को अधिकतम कर सकते हैं।
- अलग-अलग क्रेडिट कार्ड का एक ही तारीख पर भुगतान कर सकते हैं।
कैसे बिलिंग साइकिल में बदलाव कर सकते हैं?
क्रेडिट कार्ड बिलिंग साइकिल में बदलाव करने के लिए आपको सबसे पहले अपना पिछला सारा बकाया चुकाना होगा। इसके बाद आपको अपनी क्रेडिट कार्ड कंपनी को फोन या ईमेल के जरिए क्रेडिट कार्ड बिलिंग साइकिल की तारीख में बदलाव करने के लिए कहना होगा। कुछ बैंक में आप मोबाइल ऐप के माध्यम से भी ये कर सकते हैं।