Credit और Debit कार्ड इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए बड़ी खबर है। भातरीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों और एनबीएफसी के लिए कार्ड टोकनाइजेशन सर्विस लागू करने की समय सीमा को तीन महीने बढ़ा दिया है। RBI ने कार्ड टोकनाइजेशन सर्विस की समयसीमा 1 जुलाई 2022 से बढ़ाकर 1 अक्टूबर 2022 कर दिया है। केंद्रीय बैंक की आरे से जारी सर्कुलर में कहा गया कि उद्योग के हितधारकों से प्राप्त विभिन्न सुझावों के मद्देनजर, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कार्ड टोकनाइजेशन सर्विस के कार्यान्वयन समयसीमा को 01 अक्टूबर, 2022 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। जिन प्रावधानों के अनुपालन में मोहलत दी गई हैं उनमें क्रेडिट कार्ड को सक्रिय करने से संबंधित प्रावधान भी शामिल है। मास्टर निर्देश के अनुसार, अगर कार्ड जारी होने के 30 दिनों बाद भी उसे सक्रिय नहीं किया गया है तो जारीकर्ता संस्थान को क्रेडिट कार्ड सक्रिय करने के लिए कार्डधारक से वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आधारित सहमति लेनी होगी। यदि कार्ड को सक्रिय करने के लिए ग्राहक से सहमति नहीं मिलती है तो कार्ड जारीकर्ता को ग्राहक से पुष्टि प्राप्त करने की तारीख से सात कार्य दिवसों के भीतर ग्राहक को बिना किसी लागत के क्रेडिट कार्ड खाता बंद कर देना चाहिए। इसके अलावा, कार्ड जारीकर्ताओं को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है कि कार्डधारक से स्पष्ट सहमति प्राप्त किए बिना कार्डधारक को स्वीकृत और सलाह दी गई क्रेडिट सीमा का उल्लंघन किसी भी समय नहीं किया गया है। इस मामले में भी अब एक अक्टूबर तक का समय दिया गया है।
क्या है कार्ड टोकनाइजेशन सर्विस?
कार्ड टोकनाइजेशन सर्विस से तात्पर्य है एक यूनिक कोड के जरिए वास्तविक कार्ड डिटेल्स को बदलना है। बैंकिंग धोखाधड़ी की बढ़ती घटना को देखते हुए आरबीआई ने यह कदम उठाया है। इस कदम से क्रेडिट और डेबिट कार्ड के माध्यम से हो रही लेनदेन पहले के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित हो जाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि लेनदेन के समय आपके क्रेडिट और डेबिट कार्ड की एक्चुअल डिटेल्स मर्चेंट के पास नहीं जाएगी बल्कि एक नंबर जाएगा। इससे धोखाधड़ी करना मुश्किल होगा।
क्रेडिट कार्ड की लिमिट पर कोई प्रभाव नहीं
टोकनाइजेशन सर्विस शुरू होने से क्रेडिट कार्ड की सीमा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इससे यह फायदा मिलेगा कि किसी भी कंपनी जैसे फ्लिपकार्ट, अमेजन और अन्य साइटों पर डबिट या क्रेडिट कार्ड की डिटेल सेव करने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके इस्तेमाल के लिए बार-बार डिटेल देने की भी जरूरत नहीं होगी। ग्राहक सिर्फ जनरेट आईडी का इस्तेमाल कर उपयोग कर सकेंगे।