Highlights
- पाकिस्तान भी अब श्रीलंका और नेपाल की तरह कंगाली की डगर पर बढ़ता दिख रहा है
- CPEC में काम कर रही 25 चीनी कंपनियों ने 300 अरब डॉलर का भुगतान अटका
- कंपनियों ने इस महीने अपना परिचालन बंद करने की चेतावनी दी है
CPEC : चीन की कर्ज नीतियों के चलते श्रीलंका और नेपाल के हाल बेहाल हैं। वहीं पाकिस्तान भी अब कंगाली की डगर पर बढ़ता दिख रहा है। पाकिस्तान में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना चीन के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में से एक है। लेकिन अब यह प्रोजेक्ट भी न सिर्फ खटाई में पड़ता दिख रहा है, वहीं चीन ने पाकिस्तान में कंगाली के टाइम बम का बटन भी लगभग दबा ही दिया है।
दरअसल CPEC के तहत काम कर रही चीन की करीब 25 कंपनियों ने 300 अरब डॉलर का भुगतान नहीं मिलने पर इस महीने अपना परिचालन बंद करने की चेतावनी दी है। ‘डॉन’ अखबार के अनुसार, पाकिस्तान के योजना और विकास मंत्री अहसान इकबाल की अध्यक्षता में आयोजित एक बैठक के दौरान चीन के स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (आईपीपी) ने यह बात कही है।
इस दौरान, सीपीईसी परियोजना के तहत ऊर्जा, संचार, रेलवे जैसे क्षेत्रों में काम कर रही चीन की 30 कंपनियों भी मौजूद रहीं। बैठक के दौरान बिजली का उत्पादन करने वाली कंपनियों ने 300 अरब पाकिस्तान रुपये (15,95,920,800 डॉलर) का भुगतान नहीं मिलने को लेकर कड़ी नाराजगी जताई।
चीन की स्वतंत्र बिजली उत्पादकों के लगभग 25 प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनका भुगतान नहीं किया जाएगा, तो वे कुछ दिन के भीतर काम करना बंद कर देंगे।