Highlights
- मार्च 2020 के बाद, 44% और 46% भारतीयों ने पहली बार क्रमशः जीवन और स्वास्थ्य बीमा खरीदा
- देशभर के 28 प्रमुख शहरों के 5,000 प्रतिक्रियादाताओं को शामिल किया गया सर्वे में
- कोरोना के बाद 64% भारतीयों का बचत, यात्रा, बाल शिक्षा प्रदान करना प्रभावित हुआ
नई दिल्ली। कोरोना महामारी ने इंश्योरेंस पॉलिसी की अहमियत से हम सभी को रूबरू करा दिया है। कोविड—19 शुरू होने से लेकर अब तक हेल्थ इंश्योरेंस और जीवन बीमा ने लाखों लोगों को वित्तीय मदद पहुंचाने का काम किया है। यह बीमा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी काम किया है। देश के करीब 80 फीसदी लोगों का मानना है कि उनके फाइनेंशियल प्लानिंग में बीमा एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह जानकारी एक सर्वे में निकलकर आई है।
एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस द्वारा किए गए 'द फाइनेंशियल इम्यूनिटी सर्वे 2.0' से निकली जानकारी के अनुसार, 78% भारतीयों ने माना है कि उनके फाइनेंशियल प्लानिंग में इंश्योरेंस एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2020 के बाद, 44% और 46% भारतीयों ने पहली बार क्रमशः जीवन और स्वास्थ्य बीमा खरीदा है।
सर्वे की मुख्य बातें:
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80% भारतीय जो इम्यूनिटी के प्रति आश्वस्त हैं, उनमें से 74% ने टीकाकरण की दोहरी खुराक ले ली है
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4 में से 3 भारतीयों ने जनवरी 2021 से अपनी बचत/निवेश में वृद्धि की है और उनमें से 50% ने बचत/निवेश/बीमा में निवेश करने की योजना बनाई है
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भारतीय अभी भी कम इंश्योर्ड हैं क्योंकि वार्षिक आय अनुपात में जीवन बीमा का अनुपात केवल 3.8 गुना है
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70% भारतीय महसूस करते हैं कि जीवन की प्रमुख उपलब्धियां हासिल होने पर लाइफ कवर बढ़ता रहना चाहिए
भारतीयों की चिंताएं
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59% बढ़ती चिकित्सा/उपचार लागत को लेकर चिंतित
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59% नौकरियों की अस्थिरता को लेकर चिंतित
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58% स्वयं/परिवार को लेकर चिंतित
28 प्रमुख शहरों में किया गया सर्वे
एसबीआई लाइफ ने नीलसनआईक्यू (इंडिया) कंपनी के साथ मिलकर यह सर्वेक्षण कराया, जिसमें भारत के कोने-कोने को शामिल करते हुए 28 प्रमुख शहरों के 5,000 प्रतिक्रियादाताओं को शामिल किया गया। सर्वे में शामिल अधिकांश भारतीयों को विश्वास है कि देश इस स्थिति या संभावित तीसरी लहर से पार पा लेगा।
कोरोना के बाद 79 फीसदी लोगों की आय घटी
सर्वे में शामिल 79% भारतीयों ने कहा कि कोरोना के बाद उनकी आय घटी है और 1/3 अभी भी कम आय का सामना कर रहे हैं। 64% भारतीयों को लगता है कि उनके जीवन के महत्वपूर्ण पड़ाव जैसे बचत जमा करना, अवकाश यात्रा, बाल शिक्षा प्रदान करना प्रभावित हुआ। कोविड-19 और चारों ओर अनिश्चितता के साथ, वित्तीय प्रतिरक्षा का महत्व बढ़ गया है और 57% भारतीय इसे 'स्वयं/परिवार की वित्तीय सुरक्षा और स्थिरता' बनाए रखने में सक्षम होने से संबंधित हैं।