Highlights
- लोगों को वित्तीय सेवाओं तक अधिक और आसान पहुंच मिलने से भारत में डिजिटलीकरण बढ़ रहा है
- नकद की जगह ई-वॉलेट तथा यूपीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं लोग
- सरकार का जोर कैशलेस इकोनॉमी बनाने पर है
नई दिल्ली। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने सोमवार को कहा है कि लोगों को वित्तीय सेवाओं तक अधिक और आसान पहुंच मिलने से भारत में डिजिटलीकरण बढ़ रहा है, जिसके कारण उपभोक्ताओं के वित्तीय व्यवहार में बदलाव आया और वे नकद की जगह ई-वॉलेट तथा यूपीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं। कुमार ने ‘नीति आयोग के फिनटेक मुक्त शिखर सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा कि फिनटेक के उदय ने वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दिया है।
उन्होंने आगे कहा कि अधिक न्यायसंगत, समृद्ध और वित्तीय रूप से समावेशी भारत बनाने के लिए डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। कुमार ने कहा, भारत में डिजिटलीकरण बढ़ रहा है और लोगों की वित्तीय सेवाओं तक आसान पहुंच हो रही है। इससे उपभोक्ताओं के वित्तीय व्यवहार में बदलाव आया है। अब वे नकद की जगह ई-वॉलेट और यूपीआई को अपना रहे हैं।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार स्वास्थ्य, लॉजिस्टिक और अन्य क्षेत्रों के लिए कोविन और यूपीआई जैसे खुले मंच बनाने में भरोसा करती हैं। वैष्णव ने कहा कि सार्वजनिक निवेश के जरिये एक खुला मंच बनाया गया है, जिससे कई निजी उद्यमी, स्टार्टअप और डेवलपर्स नए समाधान बनाने के लिए जुड़ सकते हैं।