Highlights
- कॉफी के भाव पिछले एक साल से ही बढ़े, लेकिन हाल में इसके दाम में काफी बढ़ोतरी हुई
- अफ्रीका और दक्षिणी अमेरिका के कॉफी उत्पादक देशों में मौसम की मार से फसलें बरबाद
- भारतीय बाजार में बीते एक वर्ष में कॉफी के दाम में 100 प्रतिशत का उछाल आया
सर्दी आते ही यदि आप कंबल के भीतर बैठकर गर्मागर्म कॉफी की चुस्कियां लेने के बारे में सोच रहे हैं तो यह इस बार महंगा पड़ सकता है। दरअसल अफ्रीका और दक्षिणी अमेरिका के कॉफी उत्पादक देशों में मौसम की मार से फसलें बरबाद हुई हैं। जिसके चलते कॉफी की कीमतें आसामन छू रहीं हैं।
कॉफी के भाव पिछले एक साल से ही बढ़ रहे हैं, लेकिन हाल के दिनों में इसके दाम में काफी बढ़ोतरी हुई है। इस हफ्ते बुधवार को कीमतें 10 साल के उच्चतम स्तर तक पहुंच गईं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले साल भी कॉफी बाजार में तेजी बरकरार रहे।
भारत में कितने बढ़े दाम
रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा इस्तेमाल में आने वाली कॉमर्शियल कॉफी की कीमतों में 100 प्रतिशत से अधिक का उछाल आया है। वहीं स्पेशलिटी कॉफी की कीमतों में 20 से 30 प्रतिशत की तेजी है। भारतीय बाजार की बात करें तो यहां भी कॉफी की कीमतों में बढ़त का दौर जारी है। बीते एक वर्ष में दाम में 100 प्रतिशत का उछाल आया है। वहीं पिछले एक महीने में ही 21 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली है।
क्यों बढ़ी कीमतें
दुनिया में कॉफी के उत्पादन में दक्षिणी अमेरिकी और अफ्रीकी देशों का दबदबा है। ब्राजील, कोलंबिया, वियतनाम और इथोपिया जैसे देश कॉफी के प्रमुख उत्पादक हैं। ब्राजील सहित अन्य देशों में खराब मौसम के कारण कॉफी उत्पादन पर असर पड़ा है। इसके अलावा बीते एक साल में मांग में भारी बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
बढ़ी कॉफी की खपत
एक ओर जहां कॉफी की सप्लाई चेन में परेशानी आ रही है, वहीं कॉफी की मांग में भी इजाफा हुआ है। यूएसडीए के एक अनुमान के मुताबिक, 2020-21 में कॉफी का वैश्विक उत्पादन 164.8 मिलियन बैग रहा जबकि खपत 165 मिलियन बैग रही।