भारत में कोयला आयात में फरवरी में 13 प्रतिशत की बढ़त हुई है और यह बढ़कर 2.16 करोड़ टन हो गया है। फरवरी में कोयला आयात बढ़ने की वजह कंपनियों की ओर से गर्मियों में बढ़ती बिजली की मांग को देखते हुए कोयले का स्टॉक जमा करना है। पिछले वित्त वर्ष में समान अवधि में देश का कोयला आयात 1.91 करोड़ टन था।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में मजंक्शन के डेटा के हवाले से बताया गया कि फरवरी 2024 में कोयला आयात बढ़कर 2.16 करोड़ टन हो गया है जो कि फरवरी में 1.915 करोड़ टन हो गया है।
नॉन-कुकिंग कोल का आयात बढ़ा
फरवरी के कुल कोयला आयात में नॉन-कुकिंग कोल का आयात बढ़कर 13.77 मैट्रिक टन हो गया है, जो कि इससे पहले 11.68 मैट्रिक टन हो गया है। वहीं, कुकिंग कोल का आयात बढ़कर 4.56 मैट्रिक टन हो गया है, जोकि फरवरी 2023 में 4.40 मैट्रिक टन था।
244.27 मैट्रिक टन पहुंच कोयला आयात
रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 के अप्रैल से लेकर फरवरी महीने में 244.27 मैट्रिक टन कोयले का आयात किया है, जो कि एक साल पहले 227.93 मैट्रिक टन था। वहीं, पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल से लेकर फरवरी की अवधि तक नॉन-कुकिंग कोल का आयात बढ़कर 160.63 मैट्रिक टन हो गया है। यह पहले 148.58 मैट्रिक टन था। वहीं, कुकिंग कोल का आयात बढ़कर 51.87 मैट्रिक टन हो गया है, जो कि पहले 50.50 मैट्रिक टन था।
भारत ने कोयला प्रोडक्शन
भारत की ओर से अप्रैल से लेकर फरवरी तक 88.07 करोड़ टन कोयला का उत्पादन किया गया है। बता दें, भारत में उत्पादित और आयतित कोयले का बड़ी मात्रा में उपयोग बिजली उत्पादन में किया जाता है।