भारतीय बाजार पर चीनी मोबाइल कंपनियों का कब्जा है। लेकिन ये चीनी कंपनियां भारत में बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी कर रही हैं। सरकार ने आज राज्य सभा में पूछे एक प्रश्न में इस बारे में जानकारी दी है। सरकार ने बताया कि ओप्पो मोबाइल, वीवो इंडिया और श्याओमी टेक्नोलॉजी सहित चीनी स्मार्टफोन विनिर्माताओं को भारत में 9,000 करोड़ रुपये की कर चोरी करते हुए पाया गया है।
9000 करोड़ की टैक्स चोरी, रिकवरी बस इतनी
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर के राज्यसभा में सवालों के लिखित उत्तर में कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 और 2022-23 के बीच सीमा शुल्क और जीएसटी सहित लगभग 9,000 करोड़ रुपये की कर चोरी का पता चला है। सरकार ने इस दौरान कंपनियों से 1,629.87 करोड़ रुपये की वसूली की है। आंकड़ों के मुताबिक, सरकार ओप्पो से 1,214.83 करोड़ रुपये, वीवो से 168.25 करोड़ रुपये और शियोमी से 92.8 करोड़ रुपये वसूलने में सफल रही है।
ओप्पो इस खेल की बड़ी खिलाड़ी
सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, ओप्पो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 5,086 करोड़ रुपये की कर चोरी करते हुए पाया गया है, जिसमें सीमा शुल्क के रूप में 4,403 करोड़ रुपये और जीएसटी मद में 683 करोड़ रुपये शामिल हैं। इसेक बाद वीवो ने 2,923.25 करोड़ रुपये की कर चोरी की है, जिसमें 2,875 करोड़ रुपये सीमा शुल्क और 48.25 करोड़ रुपये जीएसटी शामिल हैं। शाओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मामले में 851.14 करोड़ रुपये की कर चोरी का पता चला है, जिसमें सीमा शुल्क में 682.51 करोड़ रुपये और जीएसटी में 168.63 करोड़ रुपये शामिल हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, लेनोवो ने 42.36 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी की है।
2019-20 में इतनी हुई कर चोरी
चंद्रशेखर ने कहा कि ओप्पो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मामले में वित्त वर्ष 2019-20 में 4,389 करोड़ रुपये की सीमा शुल्क चोरी का पता चला था, जिसमें से 450 करोड़ रुपये की वसूली की गई है। वीवो इंडिया मोबाइल प्राइवेट लिमिटेड को 2,217 करोड़ रुपये के सीमा शुल्क की चोरी करते हुए पाया गया, जिसमें से वित्त वर्ष 2020-21 में 72 करोड़ रुपये की वसूली की गई है। वित्तवर्ष 2019-20 में श्याओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 653.02 करोड़ रुपये की सीमाशुल्क की चोरी करते हुए पाया गया, जिसमें से 46 लाख रुपये की वसूली की जा चुकी है। वित्त वर्ष 2022-23 में वीवो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 658 करोड़ रुपये की चोरी करते हुए पाया गया।