चीन में सरकार से पंगा लेना अपनी शामत बुलाने जैसा ही है। आप चाहें मजदूर हों या अरबपति बिजनेस मैन। चीन में अलीबाबा के फाउंडर जैक मा की कहानी पुरानी पड़ी नहीं थी कि अब उन्हीं की कहानी एक अन्य अरबपति बैंकर के साथ दोहराई जा रही है। चीन के सबसे हाई-प्रोफाइल इन्वेस्टमेंट बैंकरों में से एक बाओ फैन अचानक लापता हो गए हैं। उनकी कंपनी ने खुद उनके गायब होने की सूचना दी है।
बीबीसी की खबर के अनुसार कंपनी ने गुरुवार को शेयर बाजार में इस बात की सूचना दी है। इसके बाद से कंपनी के शेयरों में 50 प्रतिशत तक की गिरावट आ चुकी है। फर्म ने शेयर बाजार को बताया कि चाइना रेनेसां होल्डिंग्स के सीईओ बाओ फैन से संपर्क नहीं हो पा रहा है। हालांकि कंपनी ने यह नहीं बताया कि बाओ कितने समय से लापता थे। चीनी न्यूज एजेंसी कैक्सिन ने सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि कर्मचारी दो दिनों से उनसे संपर्क नहीं कर पाए।
कौन हैं बाओ फैन
बाओ फैन चीन के बैंकिंग सेक्टर के सबसे चर्चित हस्तियों में से एक हैं। वे चीन के एक बड़े डीलब्रोकर हैं। बाओ की शख्सियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके क्लाइंट्स में चीन की टॉप टेक्नोलॉजी कंपनियां दीदी और मीटुआन शामिल हैं। बाओ फैन की कंपनी के इस खुलासे से दूसरी ट्रेड और टेक्नोलॉजी कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों पर भी चीनी सरकार की कार्रवाई की तलवार लटकने लगी है।
औंधे मुंह गिरे कंपनी के शेयर
बाओ के गायब होने से कंपनी के निवेशकों में खलबली मच गई और शेयर बाजार में कंपनी के नोटिस के बाद शुक्रवार को चीन के रेनेसां के शेयरों में हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज में 50 प्रतिशत की गिरावट आई। बीबीसी ने बताया कि कंपनी ने कहा है कि उन्हें 'किसी भी जानकारी के बारे में पता नहीं है जो इंगित करता है कि बाओ के गायब होने के पीछे कोई बड़ी साजिश हो सकती है।
क्या जैक मा जैसा हुआ हाल
बाओ की कहानी सुनकर जैक मा का किस्सा सभी के दिमाग में अनायास आ रहा है। चीनी दिग्गज कंपनी अलीबाबा के फाउंडर जैक मा भी इसी प्रकार 2020 में अचानक गायब हो गए थे। कई महीनों की गुमशुदगी के बाद वे कभी जापान और कभी थाईलैंड में दिखाई दिए हैं। लेकिन वे 2020 के बाद से सार्वजनिक जीवन से बाहर है।
भ्रष्टाचार की चल रही है जांच
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक बाओ से उनकी कंपनी के प्रेसिडेंट कोंग लिन के एक भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में महीनों से पूछताछ की जा रही थी। उनके परिवार वालों को भी यही जानकारी दी गई है। इन खबरों से एक बार फिर से देश में व्यापार और तकनीकी दिग्गजों पर सरकार की संभावित कार्रवाई की चिंताओं को फिर से बढ़ा दिया है।