दुनिया की फैक्ट्री और आर्थिक महाशक्ति कहे जाने वाले चीन का दिया बुझता दिख रहा है। आर्थिक सुस्ती के बीच चीन की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी चाइना एवरग्रेंड (China Evergrande) के दिवालिया होने से देश में हंगामा मच गया है। इस दिग्गज कंपनी ने अमेरिका के एक कोर्ट में बैंकरप्सी के लिए आवेदन किया है। बता दें कि पिछले साल एवरग्रेंड के डिफॉल्ट करने के बाद से वहां के रियल एस्टेट सेक्टर (China Real Estate Crisis) के ढहने की शुरुआत हो गई थी। लेकिन अब इसके दिवालिया होने के बाद चीन में हाहाकार मच गया है।
एवरगेंड दुनिया में सबसे ज्यादा कर्ज वाली रियल एस्टेट कंपनी है। इस कंपनी पर 330 अरब डॉलर का कर्ज है। एवरग्रेंड ने 2021 के अंत में कर्ज के भुगतान में डिफॉल्ट किया था। एवरग्रेंड के साथ ही इसकी सहयोगी कंपनी तियानजी होल्डिंग्स (Tianji Holdings) ने भी बैंकरप्सी के लिए आवेदन किया है। कंपनी ने अमेरिका की अदालत से बैंकरप्सी कोड के चैप्टर 15 के तहत राहत की मांग की है। इससे क्रेडिटर्स कंपनी के खिलाफ मुकदमा नहीं कर सकते हैं और न ही उसके एसेट्स को अटैच कर सकते हैं।
ढह रहा है चीन का किला
चीन में रियल एस्टेट सेक्टर को वहां की अर्थव्यवस्था की मजबूत स्तंभ माना जाता है। लेकिन बीते कई साल से वहां रियल एस्टेट सेक्टर कमजोर मांग से जूझ रहा है। चीन में कई शहर खाली पड़ी गगनचुंबी इमारतों से अटे पड़े हैं। ये घोस्ट टाउन वहां की रियल एस्टेट सेक्टर की बदहाली पहले से ही बता रहे थे, कोरोना काल में यह संकट और भी गहरा गया। जिसके बाद 2021 के मध्य में चीन का रियल एस्टेट का संकट शुरू हुआ था। 2021 से अब तक कई बड़ी कंपनियां डिफॉल्ट कर चुकी हैं।
बैंकिंग सेक्टर पर भी संकट के बादल
चीन का रियल एस्टेट सेक्टर का संकट दूसरे सेक्टर्स को भी अपनी चपेट में ले रहा है। हाल ही में चीन का एक शैडो बैंक डिफाल्ट कर चुका है। देश की सबसे बड़ी प्राइवेट डेवलपर कंट्री गार्डन की हालत भी दिनोंदिन खराब हो रही है। कंपनी ने इस महीने ब्याज के भुगतान में डिफॉल्ट किया है। इससे निवेशक काफी घबराए हुए हैं। रियल एस्टेट संकट के कारण चीन में कई हाउसिंग प्रोजेक्ट अटके हुए हैं।
चीन की दूसरे सबसे बड़ी कंपनी है एवरग्रेंड
एवरग्रेंड की स्थापना 1996 में हुई थी। यह चीन की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों में से एक है। उसके फाउंडर शू जियायिन साल 2017 में देश के सबसे अमीर कारोबारी थे। रियल एस्टेट में सफलता के बाद कंपनी ने इलेक्ट्रिक व्हीकल, हेल्थ क्लीनिक, मिनरल वॉटर सहित कई दूसरे कारोबारों में प्रवेश किया। हांगकांग के शेयर बाजार में 2021 के बाद से कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। और अब यह कंपनी दिवालिया हो चुकी है।