Highlights
- चीन के निमंत्रण पर नारायण खड़का ने किया दौरा
- एक-चीन नीति पर काम करेगा नेपाल
- चीन पहले भी नेपाल को 6.67 अरब रुपये का दे चुका है कर्ज
Nepal China Relation: चीन (China) इस साल नेपाल (Nepal) को 15 अरब रुपये की मदद देने का ऐलान किया है। इसे नेपाल में चल रहे अलग-अलग परियोजनाओं में निवेश के लिए दिया जा रहा है। चीन के दौरा पर गए नेपाल के विदेश मंत्री नारायण खड़का (Narayan Khadka) ने इसकी जानकारी दी। चीन के इस कदम को दोनों देशों के बीच के संबंधों को मजबूत करने की दिशा में देखा जा रहा है।
चीन के निमंत्रण पर खड़का ने किया दौरा
चीन के विदेश मंत्री वांग यी के निमंत्रण पर बुधवार को खड़का चीन के शहर क्विंगदाओ पहुंचे, जहां दोनों नेताओं की मुलाकात हुई। नेपाल के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों विदेश मंत्रियों ने नेपाल-चीन संबंधों के सभी पहलुओं का जायजा लिया और व्यापार, कनेक्टिविटी, निवेश, स्वास्थ्य, पर्यटन, गरीबी उन्मूलन, कृषि, आपदा प्रबंधन, शिक्षा, संस्कृति और लोगों के बीच आदान-प्रदान जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने पर सहमति जताई।
एक-चीन नीति पर काम करेगा नेपाल
वांग ने घोषणा की कि चीन 2022 में नेपाल को विभिन्न परियोजनाओं में निवेश करने के लिए 15 अरब रुपये की सहायता देगा। एक बयान के मुताबिक चीन की तरफ से नेपाल को अतिरिक्त कोविड-रोधी टीके और अन्य संबंधित चिकित्सा सहायता भी प्रदान की जाएगी। बयान के मुताबिक, बैठक के दौरान खड़का ने ‘एक-चीन नीति’ के लिए नेपाल की अटूट प्रतिबद्धता को भी दोहराया और आश्वासन दिया कि नेपाली क्षेत्र को किसी भी चीन विरोधी गतिविधि के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
चीन पहले भी नेपाल को 6.67 अरब रुपये का दे चुका है कर्ज
नेपाल एयरलाइंस ने छह विमानों के उत्पादन के लिए चीनी सरकार के एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ऑफ चाइना (AVIC) के साथ एक वाणिज्यिक समझौते पर नवंबर 2012 में हस्ताक्षर किए थे। डील को आसान बनाने के लिए चीन ने नेपाल को करीब 6.67 अरब रुपये का कर्ज दिया। कुछ राशि में से 2.94 अरब रुपये एक MA60 और एक Y12e विमान के लिए दिए गए थे। अन्य विमान 3.72 अरब रुपये में खरीदे गए। इसके लिए चीन के एक्जिम बैंक ने कर्ज मुहैया कराया था। सौदे के अनुसार, नेपाल सरकार को वित्त मंत्रालय द्वारा लिए गए कुल ऋण का 1.5 प्रतिशत की दर से वार्षिक ब्याज और सेवा शुल्क और रखरखाव खर्च का 0.4 प्रतिशत का भुगतान करना होगा।
और कितने साल तक पड़े रहेंगे ये विमान?
भारत के पड़ोसी देश नेपाल ने बड़ी उम्मीदों से चीन से विमान खरीदा था। नेपाल को उम्मीद थी कि उनके संचालन से वह मुसीबतों से गुजर रहे नेपाल एयरलाइंस कॉरपोरेशन के लिए राजस्व अर्जित करेगा लेकिन दो साल से ज्यादा समय बीत चुका है। चीन के लग्जरी विमान नेपाल के आसमान की जगह जमीन पर खड़े होकर जंग खा रहे हैं।
नेपाल एयरलाइंस के एक वरिष्ठ कप्तान ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि किसी ने नहीं देखा कि विमान किस हालत में हैं। कोई नहीं जानता कि ये विमान और कितने सालों तक इस तरह जमीन पर खड़े रहेंगे। कुछ निजी एयरलाइंस के अधिकारियों का कहना है कि पार्क किए गए विमानों के साथ लंबे समय तक भंडारण की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। अंततः इससे विमान के मूल्य में गिरावट आएगी।