America China: चीन की सरकार ने गैरकानूनी ढंग से सूचना जुटाने की गतिविधि में कथित रूप से संलग्न एक अमेरिकी कंपनी पर 15 लाख डॉलर का जुर्माना लगाया है। बीजिंग म्यूनिसिपल के सांख्यिकी ब्यूरो की वेबसाइट पर जारी एक नोटिस में यह जानकारी दी गई। इसके मुताबिक, अमेरिकी कंपनी मिंट्ज ग्रुप अनुमति लिए बगैर विदेश से जुड़ी सांख्यिकीय जांच गतिविधियों में कथित तौर पर लिप्त रही है। हालांकि इस नोटिस में यह जानकारी नहीं दी गई है कि अमेरिकी कंपनी ने नियमों का किस तरह उल्लंघन किया है। लेकिन उस पर जुर्माने के तौर पर 15 लाख डॉलर का अर्थदंड लगाया गया है।
गहरे संकट में है चीन
विदेशी सलाहकार फर्म मिंट्ज ग्रुप पर गत अप्रैल में छापे मारे गए थे। यह कार्रवाई चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की सरकार के विस्तारित जासूसी-रोधी नियमों के तहत की गई थी। यह कंपनी अपने कॉरपोरेट ग्राहकों के लिए कर्मचारियों एवं कारोबारी साझेदारों की पृष्ठभूमि का परीक्षण करने के साथ अन्य सूचनाएं भी जुटाने का काम करती है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी चीन की अर्थव्यवस्था अब गहरे संकट में है और उसका 40 साल का सफल वृद्धि मॉडल चरमरा गया है। खबर में कहा गया कि यह केवल आर्थिक कमजोरी का दौर नहीं है बल्कि इसका असर लंबे समय तक दिख सकता है।
चीन पर तेजी से बढ़ा कर्ज का बोझ
खबर में बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के आंकड़ों के हवाले से कहा गया कि सरकार व राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियों के विभिन्न स्तरों के कर्ज सहित कुल ऋण 2022 तक चीन के सकल घरेलू उत्पाद का करीब 300 प्रतिशत हो गया था, जो अमेरिकी स्तर को पार कर गया। यह 2012 में 200 प्रतिशत से भी कम था। दूसरी ओर, चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (एनबीएस) ने जून में कहा था कि चीन का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2023 की पहली छमाही (एच1) में सालाना आधार पर 5.5 प्रतिशत बढ़ा। पहली छमाही में चीन की जीडीपी 59,300 अरब युआन रहा।
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