Evergrande Debt: चीन की बड़ी रियल एस्टेट कंपनी एवरग्रांडे दिवालिया होने की कागर पर पहुंच गई है। हांगकांग की अदालत द्वारा कंपनी को संपत्ति बेचकर कर्ज भुगतान करने का आदेश दिया गया है। इस वजह से आज कंपनी के शेयरों में ट्रेडिंग बंद कर दी गई। एवरग्रांडे पर 300 अरब डॉलर से ज्यादा का कर्ज है।
कैसे मुश्किल में आई एवरग्रांडे
एवरग्रांडे को चीन की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी माना जाता है। चीन में प्रॉपर्टी बूम सामप्त होने के बाद से कंपनी लगातार मुश्किलों का सामना कर रही थी। कोरोना वायरस के कारण लगाए गए लॉकडाउन ने कंपनी की इस मुश्किल को और बढ़ा दिया। कंपनी ने दिसंबर 2021 के बाद लोन में डिफॉल्ट करना शुरू कर दिया था।
इसके बाद कंपनी को कर्ज देने वालों में से एक टॉप शाइन ग्लोबल ने हांगकांग अदालत में कंपनी के खिलाफ केस दायर किया था। इस अर्जी में कहा गया था कि कंपनी अगर कर्ज भुगतान नहीं कर पा रही है तो शहर में मौजूद उसकी संपत्ति को बेचकर इसकी भरपाई करनी चाहिए।
एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि एवरग्रांडे की 90 प्रतिशत संपत्तियां चीन के मेनलैंड में हैं। ऐसे में इस निर्णय का कंपनी पर ज्यादा असर नहीं होगा। चीनी मीडिया के मुताबिक, कंपनी के पास 236 अरब डॉलर की संपत्ति है, जिसमें से 50 अरब डॉलर कंपनी ने नकदी हासिल करने के लिए खो दी थी।
चीन की अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर?
मिंट की रिपोर्ट में बताया गया था कि एवरग्रांडे पर हांगकांग अदालत द्वारा दिए गए इस फैसले का कोई खास असर नहीं होगा। अदालत ये फैसला केवल इस सेक्टर की खराब हालत को दर्शाता है। चीनी सरकार द्वारा रियल एस्टेट सेक्टर को संकट से निकालने के लिए कई बेलआउट पैकेज जारी किए गए हैं। करीब 1.4 ट्रिलियन डॉलर का लोन उपलब्ध कराया है।