Highlights
- साल के पहले नौ महीने में आर्थिक वृद्धि दर तीन प्रतिशत रही
- ‘लॉकडाउन’ से आर्थिक वृद्धि दर की रफ्तार सुस्त पड़ी है
- सरकार कोविड महामारी को काबू में लाने के लिये कड़े कम उठा रही है
China में आर्थिक वृद्धि दर जुलाई-सितंबर तिमाही में तेज हुई है लेकिन इसकी गति अभी भी यह एक दशक में सबसे धीमी है। कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये बार-बार लगाये गये ‘लॉकडाउन’ से आर्थिक वृद्धि दर की रफ्तार सुस्त पड़ी है। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर सालाना आधार पर 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में 3.9 प्रतिशत रही। इसके साथ, इस साल के पहले नौ महीने में आर्थिक वृद्धि दर तीन प्रतिशत रही।
बार-बार लॉकडाउन से बुरा असर
आर्थिक वृद्धि के आंकड़े सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक के दौरान पिछले सप्ताह जारी होने थे। लेकिन इसे टाल दिया गया था। इससे पहले, अप्रैल-जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर में तिमाही आधार पर 2.6 प्रतिशत की गिरावट आई थी। चीन में कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये बार-बार लगाये गये ‘लॉकडाउन’ से आर्थिक वृद्धि दर की रफ्तार सुस्त पड़ी है। चीन सरकार कोविड महामारी को काबू में लाने के लिये कड़े कम उठा रही है। शंघाई समेत कई औद्योगिक केंद्रों में पाबंदियों के कारण कामकाज पर असर पड़ रहा है।
डॉलर के मुकाबले चीन का युआन 14 साल के सबसे निचले स्तर पर
चीन के केंद्रीय बैंक द्वारा घरेलू मुद्रा में गिरावट को रोकने के प्रयासों के बावजूद डॉलर के मुकाबले युआन गिरकर 14 साल के निचले स्तर पर आ गया है। अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि के बाद ऊंचे रिटर्न की संभावना ने निवेशकों को अपनी मुद्राओं को डॉलर में बदलने के लिए प्रेरित किया है। युआन की विनियम दर में कमजोरी से चीनी निर्यातकों को विदेशों में अपना सामान सस्ते में भेजने में मदद मिलती है। लेकिन इसके कारण अर्थव्यवस्था से पूंजी की निकासी भी होती है। अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले युआन गिरकर 7.2301 प्रति डॉलर पर आ गया, जो जनवरी 2008 के बाद से इसका सबसे निचला स्तर है। गौरतलब है कि एक युआन की कीमत पहले लगभग 13.8 सेंट थी, जो इस साल मार्च के उच्चतम स्तर से 15 प्रतिशत कम है। एक डॉलर 100 सेंट के बराबर होता है।