दुनिया में चीन और अमेरिका एक दूसरे के प्रतिस्पर्धी हैं। आए दिन दुनिया के बाजार पर कब्जा को लेकर दोनों देशों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलता है। अब अमेरिका ने कई चीनी कंपनियों को निर्यात नियंत्रण सूची में शामिल किया है। अमेरिका के इस कदम को चीन ने कड़ा विरोध जताया है। चीनी वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन अमेरिकी पक्ष की इस कार्रवाई का कड़ा विरोध करता है। चीन ने अमेरिका से फौरन गलत कार्रवाई बंद करने और चीनी उद्यमों की "वैध हितों की सुरक्षा के लिए" आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया है।
अमेरिका की कार्रवाई एकदम एकतरफा
प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका की कार्रवाई एकदम एकतरफा प्रतिबंध और लांग आर्म ज्युरिसडिक्शन है, जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था और नियमों को ख़त्म करती है। साथ ही सामान्य अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक एवं व्यापारिक आवाजाही को रोकती है और वैश्विक व्यावसायिक चेन और सप्लाई चेन की सुरक्षा तथा स्थिरता पर कुप्रभाव डालती है। चीन इस पर जबरदस्त असंतोष करता है और डटकर कड़ा विरोध करता है।
अमेरिकी सांसदों ने कार्रवाई की मांग की थी
दो अमेरिकी सांसदों ने हाल ही में कहा था कि यदि अमेरिका चीन के खिलाफ अपने प्रौद्योगिकी निर्यात प्रतिबंधों को बढ़ाना जारी रखता है, तो उसके हितों को नुकसान पहुंचेगा और 'अमेरिकी कंपनियां मौत के जाल में फंस जाएंगी।' उन्होंने बाइडेन प्रशासन से चीन को नई प्रौद्योगिकी निर्यात प्रतिबंधों की योजना बनाना बंद करने का आह्वान किया था। कैलिफोर्निया से डेमोक्रेटिक सीनेटर एलेक्स पैडीला और प्रतिनिधि सभा के प्रतिनिधि ज़ो लोफग्रेन ने अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय में निर्यात प्रतिबंधों के प्रभारी अधिकारी को एक पत्र भेजा था, जिसमें कहा गया था कि अगर अमेरिका निर्यात प्रतिबंधों को बढ़ाना जारी रखता है, तो तीसरे देश के प्रतिस्पर्धियों को लाभ होगा और अमेरिकी कंपनियों को भारी नुकसान होगा।
दोनों सांसदों ने अनुरोध किया कि चीन को नई प्रौद्योगिकी निर्यात प्रतिबंधों के कार्यान्वयन को तब तक निलंबित रखा जाए जब तक कि अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय यह साबित नहीं कर देता कि संबंधित नीतियां उन्नत सेमीकंडक्टर और सेमीकंडक्टर विनिर्माण उपकरणों में अमेरिकी प्रतिस्पर्धात्मकता को नुकसान नहीं पहुंचाएंगी।
इनपुट: आईएएनएस