Wednesday, March 05, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. इकोनॉमिक ग्रोथ में सुस्ती के लिए कौन है जिम्मेदार? मुख्य आर्थिक सलाहकार ने बताई ये वजह

इकोनॉमिक ग्रोथ में सुस्ती के लिए कौन है जिम्मेदार? मुख्य आर्थिक सलाहकार ने बताई ये वजह

मुख्य आर्थिक सलाहकार का कहना है कि ग्लोबलाइजेशन यानी वैश्वीकरण का युग खत्म हो चुका है। ग्लोबलाइजेशन की अनुकूल हवाएं प्रतिकूल होती जा रही हैं। निवेश के मोर्चे पर और व्यापार के मोर्चे पर भू-राजनीतिक और नीतिगत अनिश्चितता है, और वृद्धि अनुमान भी इसे दर्शाते हैं।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Feb 01, 2025 7:33 IST, Updated : Feb 01, 2025 7:33 IST
मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन का कहना है कि 1980 के बाद का स्वर्णिम युग, जो शायद 2016 तक था
Photo:INDIA TV मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन का कहना है कि 1980 के बाद का स्वर्णिम युग, जो शायद 2016 तक था।

आर्थिक वृद्धि में मंदी क्यों आ रही है, इसकी सबसे बड़ी वजह भू-राजनीतिक और नीतिगत अनिश्चितताएं हैं। देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन का यह कहना है। उनका कहना है कि इस वजह से वैश्वीकरण का स्वर्णिम युग शायद लुप्त हो रहा है। सरकार के बजट-पूर्व आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था में आगामी वित्त वर्ष में 6.3-6.8 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है, जो विकसित देश बनने के लिए जरूरी ग्रोथ रेट से बहुत कम है। पीटीआई की खबर के मुताबिक नागेश्वरन का कहना है कि ग्रोथ को प्रोत्साहित करने के लिए भूमि और श्रम जैसे क्षेत्रों में विनियमन और सुधारों की जरूरत है।

ग्लोबलाइजेशन का युग खत्म हो चुका

खबर के मुताबिक, ग्लोबलाइजेशन यानी वैश्वीकरण का युग खत्म हो चुका है। ग्लोबलाइजेशन की अनुकूल हवाएं प्रतिकूल होती जा रही हैं। निवेश के मोर्चे पर और व्यापार के मोर्चे पर भू-राजनीतिक और नीतिगत अनिश्चितता है, और वृद्धि अनुमान भी इसे दर्शाते हैं। शुक्रवार को जारी अर्थव्यवस्था की स्थिति संबंधी दस्तावेज में संकेत है कि भारत की विश्व-स्तरीय वृद्धि दर धीमी पड़ रही है और 2047 तक विकसित भारत लक्ष्य को हासिल करने के लिए जरूरी लगभग 8 प्रतिशत सालाना दर हासिल करने के लिए और अधिक काम करने की जरूरत है।

2016 तक था स्वर्णिम युग

मुख्य आर्थिक सलाहकार का कहना है कि 1980 के बाद का स्वर्णिम युग, जो शायद 2016 तक था, जब वैश्वीकरण का युग था, जिसमें सकल घरेलू उत्पाद के हिस्से के रूप में व्यापार प्रवाह बढ़ा, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में निवेश प्रवाह बढ़ा, गरीबी में कमी आई, और वस्तुओं और सेवाओं और यहां तक ​​कि लोगों की मुक्त आवाजाही थी, लेकिन यह सब खत्म होने वाला है। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले वर्षों में अन्य ताकतें भी सक्रिय हो सकती हैं, जो अनुकूल हवा प्रदान कर सकती हैं।

भारत और विकास दर

वित्त वर्ष 2025-26 (अप्रैल 2025 से मार्च 2026 वित्तीय वर्ष) में 6.3 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत की वृद्धि दर की तुलना 31 मार्च को खत्म होने वाले चालू वर्ष में अनुमानित 6.4 प्रतिशत की वृद्धि से की जा सकती है। यह महामारी के बाद से सबसे कम है। आईएमएफ ने अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 2028 तक भारत 5 खरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा और वित्त वर्ष 30 तक 6.3 खरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement