रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2022—23 का बजट पेश किया। बघेल के पास वित्त विभाग का भी प्रभार है। बघेल ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए एक लाख चार हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने राज्य में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने तथा छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल और छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में राज्य के स्थानीय प्रतिभागियों का परीक्षा शुल्क माफ करने समेत कई अन्य घोषणाएं की।
मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि मेरा सौभाग्य है कि भारत की आजादी की 75वीं सालगिरह के वर्ष में मैं अपनी सरकार का यह बजट प्रस्तुत कर रहा हूं। मुझे संतोष है कि बीते तीन वर्षां के दौरान हमारी सरकार ने आजादी के नायक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों को पूरा करने की दिशा में सार्थक कदम उठाये हैं।
बापू की स्मृतियां को संजोने और उनके विचारों पर आधारित विकास के रास्तों को प्रदर्शित करने के लिए नवा रायपुर में सेवा ग्राम की स्थापना की जाएगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 100 करोड़ रुपये है। बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य का सकल वित्तीय घाटा 14 हजार 600 करोड़ रुपये अनुमानित है, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 3.3 प्रतिशत है।
वर्ष 2022-23 के लिए कुल प्राप्तियां एक लाख चार हजार करोड़ रुपये पर शुद्ध खर्च एक लाख चार हजार करोड़ रुपये अनुमानित है। उन्होंने कहा कि राज्य की कुल राजस्व प्राप्तियां 89 हजार 73 करोड़ रुपये तथा कुल राजस्व व्यय 88 हजार 372 करोड़ अनुमानित है। इसलिए वर्ष 2022-23 में कुल 701 करोड़ के राजस्व अधिशेष का अनुमान है।
बघेल ने बताया कि वर्ष 2022-23 के लिए बजट में किसी नए कर का प्रस्ताव नहीं है। मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि उनकी सरकार ने पहले वर्ष में ही 17 लाख 96 हजार किसानों का आठ हजार 744 करोड़ रुपये का कृषि ऋण माफ किया है। किसानों से धान की खरीदी 2,500 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर की गयी।
खरीफ 2018 के धान के लिए 15 लाख 77 हजार किसानों को छह हजार 22 करोड़ रुपये की बोनस राशि का तत्काल भुगतान किया गया। बघेल ने कहा कि राज्य में राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना में छह हजार वार्षिक सहायता राशि दी जा रही है। इस वर्ष तीन लाख 54 हजार 513 भूमिहीन कृषि मजदूरों को 71 करोड़ 8 लाख की पहली किस्त का भुगतान किया जा चुका है।
आगामी वर्ष से छह हजार वार्षिक सहायता की राशि को बढ़ाकर सात हजार करने की घोषणा करता हूं। उन्होंने कहा कि राज्य में स्थापित गोठानों को महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा। इन औद्योगिक पार्कों में स्थानीय खाद्य उत्पादों तथा लघु वनोपज उत्पादों के मूल्य संवर्द्धन के लिए प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना की जाएगी।
बघेल ने कहा कि राज्य में सौर सुजला योजना अंतर्गत तीन और पांच एचपी क्षमता के 15 हजार सौर सिंचाई पंपों की स्थापना की जाएगी। इसके लिए 417 करोड़ रुपये का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत नौ किलोमीटर सड़क और 24 वृहद पुलों के निर्माण का भौतिक लक्ष्य है।
नक्सल प्रभावित जिले बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा में 47 स्टील ब्रिज निर्माण का प्रस्ताव है। योजना में एक हजार 675 करोड़ रुपये का प्रावधान है। बघेल ने अधिसूचित क्षेत्रों में रेत खदानों का संचालन पंचायतों द्वारा किये जाने की घोषणा की। राज्य में किसी भी ग्राम पंचायत की सहमति के बिना पंचायत क्षेत्र में कोई भी खदान संचालित नहीं की जाएगी।