Google ने कुछ दिन पहले ChatGPT के लिए एक 'कोड रेड' जारी किया था, जिसे OpenAI द्वारा बनाया गया है। अब Coursera CEO Jeff Maggioncalda ने चेतावनी दे दी है। उन्होनें इसे खतरनाक बताया है और कहा है कि इसके चलते निकट भविष्य में लोगों को उनकी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना है कि चैटबॉट का उपयोग हमारे लाभ के लिए किया जा सकता है।
ChatGPT पर कोर्सेरा के सीईओ ने कही ये बात
Coursera के CEO Jeff Maggioncalda कहा कहना है कि वह पिछले 45 दिन से इसके चलते सो नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं चैटजीपीटी का उपयोग करता हूं। यह नई चीजें बना सकता है, यह असाधारण है। यह जल्दी है, यह खतरनाक है और यह चीजों को रोक सकता है। बता दें, कोर्सेरा इस टेक्नोलॉजी का उपयोग करना चाहता है।
Microsoft ने Azure के साथ ChatGPT का किया एकीकरण
केवल कोर्सेरा ही नहीं बल्कि अन्य कंपनियां भी अपने लाभ के लिए चैटजीपीटी का उपयोग करने के लिए उत्सुक हैं। माइक्रोसॉफ्ट ने हाल ही में घोषणा की कि चैटबॉट जल्द ही Azure की ओपन एआई सेवा में आने वाला है। इसका मतलब है कि यूजर्स जल्द ही माइक्रोसॉफ्ट के क्लाउड के जरिए चैटजीपीटी को एक्सेस कर सकेंगे। इनमें से कुछ AI मॉडल में GPT-3.5, DALL-E 2 और कोडेक्स शामिल हैं। ऐसी खबरें थीं कि माइक्रोसॉफ्ट चैटजीपीटी तकनीक को अपने सर्च इंजन बिंग और अन्य एप्लिकेशन जैसे एक्सेल, वर्ड और पॉवरपॉइंट में लाएगा। हालांकि, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
क्या है ChatGPT?
चैटजीपीटी ने लॉन्च के पांच दिन के बाद ही 1 मिलियन से अधिक यूजर्स तक अपनी पहुंच बना ली थी। इस एआई का काम लाखों वेबसाइटों पर उपलब्ध जानकारी को संशोधित कर और उसे एक आसान भाषा में बदलकर यूजर्स को जवाब देना है। इसकी मदद से किसी विषय पर आर्टिकल लिखा जा सकता है। बशर्ते की उस विषय के बारे में गूगल पर पहले से जानकारी उपलब्ध हो। यह दुनिया के अलग-अलग भाषाओं में काम कर रही है। यूजर्स चैटबॉट से आप अपने सवाल भी पूछ सकते हैं। भविष्य के बारे में कोई जानकारी हो या हाल-फिलहाल के किसी मुद्दों पर कोई अपडेट लेना हो। वह हर तरह की जानकारियों को आसानी से एआई की मदद से आपतक पहुंचा सकता है। बता दें, कंपनी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल का यह पहला वर्जन है, जिसे लॉन्च किया गया है।