GST इनपुट टैक्स क्रेडिट के दावे संबंधी नियमों में बदलाव किया गया है। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा है कि आपूर्तिकर्ता की तरफ से 30 सितंबर तक देय कर जमा नहीं करने की स्थिति में जीएसटी करदाताओं को पिछले वित्त वर्ष में किए गए अपने आईटीसी दावे को 30 नवंबर तक लौटाना होगा। मंत्रालय ने एक बयान में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रावधान में किए गए इस बदलाव की जानकारी दी। इसके साथ ही मंत्रालय ने कहा है कि ये करदाता बाद में आपूर्तिकर्ता की तरफ से कर जमा कर दिए जाने पर दोबारा आईटीसी का दावा कर सकते हैं।
धारा 37ए में बदलाव किया गया
इस नए प्रावधान को प्रभावी करने के लिए केंद्रीय माल एवं सेवा कर (सीजीएसटी) नियम की धारा 37ए में बदलाव किए गए हैं। मंत्रालय ने कहा, "अगर किसी पंजीकृत करदाता ने इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा कर लिया है लेकिन अगर उस अवधि के लिए आपूर्तिकर्ता ने देय कर 30 सितंबर तक जमा नहीं किया है तो फिर उस इनपुट टैक्स क्रेडिट को 30 नवंबर तक लौटाना होगा।" एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ साझेदार रजत मोहन ने कहा कि इस बदलाव से केवल चुनिंदा मामलों में ही फायदा होगा।
बदलाव का यह होगा असर
मोहन ने इसकी वजह बताते हुए कहा, "पहली बात, यह एक संभावित परिवर्तन है जिससे वित्त वर्ष 2021-22 तक कोई लाभ नहीं मिल पाएगा। दूसरी बात, बहुत कम मामले ही इन नियमों में निर्धारित शर्तों को पूरा कर पाएंगे।" इस बदलाव पर ईवी के कर साझेदार सौरभ अग्रवाल ने कहा कि जीएसटीआर-1 में विक्रेता की तरफ से कई खरीदारों को की गई आपूर्ति का ब्योरा रहेगा लेकिन खरीदार के लिए यह सुनिश्चित कर पाना खासा मुश्किल होगा कि विक्रेता ने कर जमा किया है या नहीं।