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केंद्र की इस महत्वपूर्ण स्कीम पर आमने-सामने राजन और चंद्रशेखर, जानिए किस बात को लेकर चल रहा है वार-पलटवार

केंद्र की पीएलआई स्कीम की हाल के दिनों में रघुराम राजन ने कड़ी आलोचना की है, राजन के मुताबिक ज्यादातर कंपनियां चीन से आयातित पार्ट को भारत में असेंबल कर रही हैं।

Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: June 16, 2023 7:53 IST
राजन और चंद्रशेखर में किस बात पर ठनी!- India TV Paisa
Photo:FILE राजन और चंद्रशेखर में किस बात पर ठनी!

रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (Raghuram Rajan) विभिन्न मुद्दों पर सरकार के प्रखर आलोचक रहे हैं। हाल ही में राजन ने निर्यात प्रोत्साहन के लिए केंद्र सरकार की पीएलआई स्कीम (PLI Scheme) की कड़ी आलोचना की है। अब इस आलोचना पर देश के आईटी मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrashekhar) ने राजन को आड़े हाथों लिया है। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) एवं इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मोबाइल फोन विनिर्माण के लिए चलाई गई पीएलआई योजना की आलोचना करने वाले रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के आरोपों का खंडन किया है। 

क्या कहा था राजन ने

राजन ने सोशल मीडिया पर लिखे एक पोस्ट में मोबाइल फोन विनिर्माण के लिए चलाई गई उत्पादन-संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के परिणामों पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा कि कंपनियां मोबाइल फोन के ज्यादातर उपकरणों का आयात कर रही हैं लेकिन उन्हें सब्सिडी पूर्ण-निर्मित फोन पर दी जा रही है। राजन ने इस पर सवाल किया कि क्या पीएलआई योजना और कर छूट के तहत कंपनियों को दी जा रही सब्सिडी देश में मोबाइल फोन निर्माताओं द्वारा किए जा रहे मूल्यवर्धन से अधिक है। 

चंद्रशेखर ने किया राजन के आरोपों का खंडन 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने आठ महीने पहले भी राजन को जवाब दिया था लेकिन अब वह कुछ गलत आंकड़ों और घटिया तुलना के साथ लौट आए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार स्मार्टफोन के मामले में चीन पर निर्भरता कम करने और घरेलू विनिर्माण क्षमता बढ़ाने की कोशिश में लगी हुई है। मोबाइल फोन के लिए पीएलआई योजना एक अप्रैल, 2020 को अधिसूचित की गई थी। यह योजना पांच साल की अवधि के लिए योग्य कंपनियों को भारत में निर्मित मोबाइल फोन की वृद्धिशील बिक्री (आधार वर्ष से अधिक) पर चार से छह प्रतिशत का प्रोत्साहन राशि देती है।

पहले भी सरकार की नीतियों के आलोचक रहे हैं राजन

रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन केंद्र सरकार की विभिन्न नीतियों की पहले भी आलोचना कर चुके हैं। राजन ने नोट बंद के फैसले का गलत ठहराते हुए सरकार पर कई सख्त टिप्पणियां की थीं । इसके अलावा सरकार की आर्थिक नीतियों, वित्तीय प्रबंधन, बैंकों के बढ़ते एनपीए और बीते साल आर्थिक संकट से उबरने के उपाायों की भी राजन समय समय पर अलोचना करते रहे हैं।

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