आने वाले दो साल में सरकारी विभागों में ईमेल लिखे जाने का तरीका बदल सकता है। अब विभागों के बीच हिंदी में ईमेल का आदान प्रदान हो सकता है। केंद्र सरकार की सभी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) प्रणालियां अगले दो साल में हिंदी भाषा की लिपि में लिखे ईमेल को भी समर्थन (सपोर्ट करना) देना शुरू कर देंगी।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव भुवनेश कुमार ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार के 15 मंत्रालयों की वेबसाइट को यूनिवर्सल एक्सेप्टेंस (यूए) के अनुकूल बनाने का काम शुरू हो चुका है और इन वेबसाइट पर हिंदी में भी सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। कुमार ने कहा, ‘‘स्थानीय भाषा की लिपि में ईमेल संचार को संभव करने का काम दो साल में पूरा कर लिया जाएगा।
शुरुआत में यह हिंदी भाषा को सपोर्ट करेगा और बाद में अन्य स्थानीय भाषाओं में भी ईमेल सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।’’ उन्होंने कहा कि केंद्र राज्य सरकारों को भी स्थानीय भाषाओं में सामग्री मुहैया कराने के लिए प्रोत्साहन दे रहा है। वैश्विक इंटरनेट संस्था आईसीएएनएन भाषाई सीमाओं से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए यूनिवर्सल एक्सेप्टेंस को समर्थन देती रही है।
यूनिवर्सल एक्सेंप्टेंस के माध्यम से गैर-अंग्रेजी भाषी लोगों को भी संपर्क करने की सुविधा देने का उद्देश्य है। इसके जरिये बांग्ला, देवनागरी, गुजराती, गुरुमुखी, कन्नड़, मलयालम, ओड़िया, तमिल और तेलुगू भाषाओं की लिपियों में भी संचार करने वाली प्रौद्योगिकी का विकास करने की मंशा है।