सरकार का कहना है कि देश में गेहूं पर्याप्त है। इसकी कोई कमी नहीं है। केंद्र सरकार का खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग गेहूं की कीमतों पर कड़ी नजर रख रहा है। विभाग ने कहा है कि उसके पास पर्याप्त मात्रा में गेहूं का स्टॉक है, जिसे बाजार में कीमतों में तेजी आने की स्थिति में ठंडा करने के लिए जारी किया जा सकता है। बीते गुरुवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई। IANS की खबर के मुताबिक, इसके अलावा, सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कार्ययोजना के साथ तैयार है कि कीमतें बढ़ाने के लिए बेईमान तत्वों द्वारा जमाखोरी न की जाए। इस साल चालू रबी विपणन सत्र के दौरान 112 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन हुआ।
11 जून तक गेहूं की कितनी खरीद
खबर के मुताबिक, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने चालू विपणन सत्र के दौरान 11 जून तक लगभग 266 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) गेहूं की खरीद की है। खाद्य विभाग ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और दूसरी कल्याणकारी योजनाओं की जरूरत को पूरा करने के बाद, जो लगभग 184 लाख मीट्रिक टन है, गेहूं का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध होगा, ताकि जरूरत पड़ने पर बाजार में हस्तक्षेप किया जा सके। बफर स्टॉकिंग मानदंड साल की हर तिमाही के लिए अलग-अलग होते हैं।
1 जनवरी, 2024 तक गेहूं का स्टॉक 138 एलएमटी के निर्धारित बफर मानदंड के मुकाबले 163.53 एलएमटी था। गेहूं का स्टॉक कभी भी तिमाही बफर स्टॉक मानदंडों से नीचे नहीं गया है। सरकार ने साथ ही यह भी कहा है कि वर्तमान में गेहूं के आयात पर शुल्क संरचना में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं है। हाल के कुछ समय में गेहूं की कीमतों में तेजी का रुझान देखा गया है। बढ़ते दाम के चलते आम लोगों को महंगे दाम पर आटा खरीदना पड़ रहा है, बावजूद आज देश में सरकार लगभग 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में अनाज बांट रही है।