Interest Rate in Pakistan : पाकिस्तान में महंगाई का यह आलम है कि वहां का केंद्रीय बैंक रिकॉर्ड हाई पर पहुंची ब्याज दरों को कम करने की हिम्मत नहीं कर पा रहा है। पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने लगातार छठी बार अपनी पॉलिसी मीटिंग में प्रमुख उधारी दर में कोई बदलाव नहीं करते हुए इसे 22 फीसदी के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर बरकरार रखा है। इस बीच पड़ोसी देश में नवनिर्वाचित सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ राहत पैकेज की अगली किश्त हासिल करने के लिए चर्चा कर रही है।
लगातार छठी बैठक में नहीं बदली रेट
आईएमएफ को यह तय करना है कि क्या पाकिस्तान ने 1.1 अरब डॉलर की अगली किश्त पाने के लिए जरूरी शर्तों को पूरा कर लिया है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) ने लगातार छठी पॉलिसी मीटिंग में अपनी प्रमुख पॉलिसी रेट को 22 फीसदी पर बरकरार रखा है। एसबीपी ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने बैठक की और वर्तमान आर्थिक ग्रोथ की समीक्षा की। एमपीसी ने यथास्थिति बनाए रखने के संबंध में कहा कि हालांकि महंगाई में उल्लेखनीय गिरावट आई है, फिर भी यह काफी अधिक है और इसलिए केंद्रीय बैंक जोखिमों के प्रति संवेदनशील बना हुआ है। समिति ने कहा कि आंकड़ों से आर्थिक गतिविधियों में मामूली तेजी का पता चल रहा है।
महंगाई और ब्याज दर में कनेक्शन
जब मार्केट में सप्लाई कम होती है और डिमांड अधिक तो महंगाई बढ़ जाती है। महंगाई को रोकने के लिए बाजार से लिक्विडिटी कम करना एक तरीका है। यानी लोगों के पास खर्च करने को अतिरिक्त पैसा नहीं होगा, तो वे उत्पादों को कम खरीदेंगे, जिससे डिमांड कम होगी और महंगाई काबू में आएगी। केंद्रीय बैंक प्रमुख ब्याज दर को बढ़ाकर ऐसा करते हैं। इससे दूसरे कमर्शियल बैंक ब्याज दरों में इजाफा करते हैं, जिससे लोन महंगा हो जाता है। लोग कम लोन लेते हैं और पैसा कम खर्चते हैं। इससे लिक्विडिटी में कमी आती है।
गिर रहा विदेशी मुद्रा भंडार
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार आर्थिक संकट के बीच लोन रीपेमेंट के चलते लगातार गिर रहा है। 26 जनवरी 2024 को पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 8.21 अरब डॉलर दर्ज हुआ था। अगर कमर्शियल बैकों के भंडार को भी मिला लें, तो पाकिस्तान का कुल लिक्विड विदेशी मुद्रा भंडार 13.26 अरब डॉलर का है। कमर्शियल बैंकों के पास 5.04 अरब डॉलर का भंडार है।