केंद्र ने बुधवार को राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि वे तुअर और उड़द की कीमतों पर लगातार नजर रखें और भंडारण सीमा आदेश का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करें। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव निधि खरे की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में राज्य सरकारों को यह निर्देश दिया गया। इस बैठक में तुअर और उड़द के भंडारण की जानकारी के साथ राज्य सरकारों की लगाई गई भंडारण सीमा पर अमल की समीक्षा की गई। बैठक में राज्यों के खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग, केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी) और राज्य भंडारण निगमों (एसडब्ल्यूसी) के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
कीमतों की लगातार निगरानी करने का निर्देश
एक सरकारी बयान के मुताबिक, ‘‘बैठक में राज्य सरकारों को कीमतों की लगातार निगरानी करने और स्टॉक रखने वाली संस्थाओं के स्टॉक की स्थिति को सत्यापित करने और भंडारण सीमा आदेश का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा गया।’’ बैठक में तुअर और उड़द के संबंध में सीडब्ल्यूसी और एसडब्ल्यूसी गोदामों में खुदरा कीमतों, विभिन्न स्टॉक-होल्डिंग संस्थाओं द्वारा प्रकट किए गए स्टॉक की मात्रा की समीक्षा की गई।
सट्टेबाजी रोकने के लिए लगाया था स्टॉक लिमिट
गत दो जून को सरकार ने दालों की जमाखोरी और संदिग्ध सट्टेबाजी को रोकने के लिए 31 अक्टूबर तक तुअर और उड़द का भंडार रखने की सीमा लगा दी थी। थोक विक्रेताओं पर 200 टन की स्टॉक सीमा लगाई गई जबकि खुदरा विक्रेताओं पर पांच टन की सीमा तय की गई है। उपभोक्ताओं को सस्ती तुअर और उड़द दालों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।