केंद्र सरकार देश में धार्मिक और पर्यटक स्थलों तक बेहतर कनेक्टिविटी के लिए हाइवे पर करीब 1.50 लाख करोड़ रुपये (1,49,758 करोड़ रुपये) खर्च कर रही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को लोकसभा को ये जानकारी दी। भाषा की खबर के मुताबिक, गडकरी ने यह भी बताया कि इसके लिए लगभग 8,544 किलोमीटर की 321 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं शुरू की गई हैं।
किसी डेडिकेटेड फंड की कोई जरूरत नहीं
खबर के मुताबिक, मंत्रालय मुख्य रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) के विकास और रखरखाव के लिए जिम्मेदार है। नेशनल हाईवे का विकास सरकार के दृष्टिकोण के साथ पीएम गति शक्ति सिद्धांत पर नेटवर्क योजना के बाद किया जा रहा है। महत्वपूर्ण आर्थिक, पर्यटक और धार्मिक स्थलों के लिए कनेक्टिविटी में सुधार के लिए सड़क किनारे सुविधा (डब्ल्यूएसए), पर्याप्त साइनेज, सौंदर्यीकरण पर खर्च शामिल है। गडकरी ने एक लिखित उत्तर में कहा कि इस तरह पर्यटन/धार्मिक स्थलों के विकास के लिए किसी डेडिकेटेड फंड की कोई जरूरत नहीं है।
राज्यों को अलॉटमेंट राशि
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 21 राज्यों में नेशनल हाइवे पर किए गए अलॉटमेंट भी प्रस्तुत किए। इसमें उत्तराखंड (13,181 करोड़ रुपए), केरल (12,427 करोड़ रुपए), तमिलनाडु (10,601 करोड़ रुपए), बिहार (10,028 करोड़ रुपए), उत्तर प्रदेश (7,721 करोड़ रुपए), राजस्थान (6,274 करोड़ रुपए), गुजरात (6,902 करोड़ रुपए) और पश्चिम बंगाल (5,361 करोड़ रुपये) शामिल हैं।
12,500 किलोमीटर हाइवे बनाने की योजना
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 12,500 किलोमीटर हाइवे बनाने की योजना बनाई है। इस अवधि के दौरान 2,595 किलोमीटर की परियोजनाएं अलॉट की गई। जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 5,007 किलोमीटर था। देश में भारतमाला परियोजना सबसे बड़ा राजमार्ग बुनियादी ढांचा कार्यक्रम है। इसके तहत 5.35 लाख करोड़ रुपये के निवेश से 34,800 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारा विकसित करने का लक्ष्य है। देश भर के 550 जिलों को भारतमाला परियोजना से जोड़ा जाएगा। मौजूदा समय में सिर्फ करीब 300 जिले ही नेशनल हाइवे से जुड़े हैं।