भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने बुधवार को ऑनलाइन यात्रा सेवाएं मुहैया कराने वाली कंपनी मेकमाईट्रिप, गोइबिबो और होटल सेवाएं देने वाली ओयो पर अनुचित व्यापार गतिविधियों के लिए कुल 392 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया। आयोग ने 131 पेज के अपने आदेश में कहा कि मेकमाईट्रिप - गोइबिबो (एमएमटी-गो) पर 223.48 करोड़ रुपये और ओयो पर 168.88 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। एमएमटी-गो पर यह आरोप लगाया गया कि उसने होटल भागीदारों के साथ अपने समझौतों में मूल्य समानता लागू की। इस तरह के समझौतों के तहत, होटल भागीदारों को अपने कमरे किसी दूसरे मंच पर या अपने ऑनलाइन पोर्टल पर उस कीमत से कम कीमत पर देने की अनुमति नहीं है, जिस कीमत पर वे इन दो संस्थाओं के मंच पर पेशकश कर रहे हैं।
होटल संचालकों के साथ एग्रीमेंट को संशोधित करने का निर्देश
सीसीआई ने जुर्माना लगाने के साथ ही एमएमटी-गो से कहा कि वह होटल संचालकों के साथ अपने समझौतों को संशोधित करे। एक आरोप यह भी लगाया गया था कि एमएमटी ने अपने मंच पर ओयो को तरजीह दी, जिससे अन्य कंपनियों के लिए बाजार पहुंच बाधित हुई। नियामक ने अक्टूबर 2019 में मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए थे। मेकमाईट्रिप (एमएमटी) ने 2017 में आईबिबो ग्रुप होल्डिंग का अधिग्रहण किया था, जो गोइबिबो बांड नाम के तहत कारोबार करती है।
ओयो का बाजार में मूल्यांकन गिरकर 6.5 अरब डॉलर हुआ
अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की तैयार कर रही आतिथ्य एवं यात्रा प्रौद्योगिकी कंपनी ओयो का निजी बाजार में मूल्यांकन गिरकर करीब 6.5 अरब डॉलर रह गया है। इस साल 30 सितंबर को समाप्त हुए हफ्ते में निजी बाजार में कंपनी के करीब 12.3 लाख शेयरों की बिक्री हुई जबकि इससे पहले के हफ्ते में 1.6 लाख से अधिक शेयर बिके थे। एक सूत्र ने बताया कि निवेशकों ने ओयो के शेयर तब बेचने शुरू कर दिए जब इसके सबसे बड़े निवेशक सॉफ्टबैंक ने अपने बहीखातों में आतिथ्य मंच का मूल्यांकन 20 फीसदी घटाकर 2.7 अरब डॉलर कर दिया। इससे पिछले महीने ओयो की वित्तीय रिपोर्ट आने के बाद निजी बाजार में कंपनी के शेयर का मूल्य बढ़कर 94 रुपये प्रति शेयर हो गया था। हालांकि सॉफ्टबैंक के ओयो का मूल्यांकन कम आंकने के बाद निवेशकों ने शेयर बेचना शुरू कर दिए जिससे इसका मूल्यांकन करीब 13 फीसदी गिरकर 81 रुपये प्रति शेयर हो गया। ओयो ने पिछले महीने शेयर बाजारों को बताया था कि 30 जून 2022 को खत्म तीन महीने की अवधि में उसे 1,459.32 करोड़ रुपये का राजस्व मिला। कंपनी ने आईपीओ के जरिए 8,430 करोड़ रुपये जुटाने के लिए पिछले वर्ष अक्टूबर में सेबी के पास मसौदा दस्तावेज दाखिल करवाए थे।