Highlights
- ग्रेटर नोएडा इस समय प्रॉपर्टी कारोबार का भी प्रमुख हब बन चुका है
- प्रॉपर्टी से जुड़े फ्रॉड और गोरखधंधों की भी परतें खुल रही है
- एक प्रोपर्टी ब्रोकर पर कुछ परिवारों ने करोड़ों की ठगी करने का आरोप लगाया
दिल्ली से सटा ग्रेटर नोएडा इस समय प्रॉपर्टी कारोबार का भी प्रमुख हब बन चुका है। प्रॉपर्टी के इस कारोबार में मध्यमवर्गीय परिवारों से लेकर निवेशक भी काफी रुचि ले रहे हैं। इस बीच प्रॉपर्टी से जुड़े फ्रॉड और गोरखधंधों की भी परतें खुल रही है। एक ताजा मामला ग्रेटर नोएडा से सामने आया है जहां एक प्रोपर्टी ब्रोकर पर कुछ परिवारों ने करोड़ों की ठगी करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही पीड़तों ने पुलिस कमिश्नर से गुहार भी लगाई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार एक स्थानीय ब्रोकर पवन कुमार सिंघल और उसकी पत्नी एवं बेटे ने मकानों के कई आवंटियों व खरीददारों को अपने षड़यंत्र का शिकार बनाते हुए उनसे एडवांस के रूप में भारी भरकम रकम हड़प ली है। इतना ही नहीं सिंघल इन परिवारों को झूठे/फर्जी केसों में फंसा कर ब्लैकमेल भी कर रहा है। पीड़ितों की माने तो यह गिरोह साजिश के तहत भोले भाले लोगों को गैर कानूनी तरीके से उनके खिलाफ झूंठे क्रिमिनल केस (FIR) दर्ज करवाकर व धमकी देते हुए, उनकी संपत्तियों को हड़पने हेतु उनके फर्जी हस्ताक्षर कर जाली दस्तावेज बनाकर ब्लैकमेल करता है और पैसों का गबन कर उन परिवारों को धमकी देता है।
इन आरोपियों के खिलाफ दिल्ली, गाजियाबाद व ग्रेटर नोएडा में भी पुलिस थाने में कई शिकायत दर्ज हैं| लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है। अब ब्रोकर पवन कुमार सिंघल, पत्नी कान्ता सिंघल व पुत्र ऋतिक सिंघल की जालसाजी, फर्जीवाड़े व ब्लैकमेलिंग से पीड़ित कई परिवारों ने तंग आकर गौतमबुद्धनगर के पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन दिया और अनुरोध किया कि इनके खिलाफ संगीन धाराओं में एफआईआर दर्ज कर सभी की गिरफ़्तारी सुनिश्चित कराएं और उन्हें न्याय दिलाएं।
फर्जीवाड़े से पीड़ित रविन्द्र कपासिया ने बताया कि इस मामले में आरोपी पवन सिंघल ने उनके साथ भी धोखाधड़ी कर उनसे रकम व कागजात लेकर फरार हो गया और प्राधिकरण का हवाला देते हुए फ्रॉड किया। उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में उन्होंने कई बार पुलिस से शिकायत की है लेकिन अभी तक पीड़ित परिवार को न्याय नही मिल सका।