सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक और यूको बैंक ने सभी अवधियों में अपने सीमांत लागत-आधारित उधार दर (MCLR) में बढ़ोतरी की है, जिससे अधिकांश उपभोक्ता ऋण महंगे हो गए हैं। बैंकोें ने सीमांत लागत आधारित ऋण दर यानी एमसीएलआर में 5 आधार अंकों (0.05 प्रतिशत अंक) की बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया है। इससे ज्यादातर कंज्यूमर लोन महंगे हो जाएंगे। पीटीआई की खबर के मुताबिक, केनरा बैंक ने नियामकीय फाइलिंग में कहा कि बेंचमार्क एक वर्षीय अवधि एमसीएलआर, जिसका उपयोग ऑटो और व्यक्तिगत जैसे अधिकांश उपभोक्ता ऋणों की कीमत तय करने के लिए किया जाता है, 8.95 प्रतिशत की पूर्व दर के मुकाबले 9 प्रतिशत होगी।
ओवरनाइट अवधि पर एमसीएलआर 8.25 प्रतिशत होगी
खबर के मुताबिक, केनरा बैंक के मुताबिक, तीन वर्षीय एमसीएलआर 5 आधार अंकों की वृद्धि के साथ 9.40 प्रतिशत होगी, जबकि दो वर्षीय एमसीएलआर 9.30 प्रतिशत होगी। इसके अलावा, एक महीने, तीन महीने और छह महीने की अवधि की दरें 8.35-8.80 प्रतिशत की सीमा में होंगी। ओवरनाइट अवधि पर एमसीएलआर 8.20 प्रतिशत के मुकाबले 8.25 प्रतिशत होगी। नई दरें 12 अगस्त, 2024 से प्रभावी होंगी। यह बढ़ोतरी आरबीआई की तरफ से लगातार नौवीं बार अपनी बेंचमार्क उधार दर को 6. 5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने के एक दिन बाद हुई है।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी बढ़ाई दरें
बैंक ऑफ बड़ौदा ने 12 अगस्त से कुछ अवधियों के लिए MCLR में बदलाव किया है। यूको बैंक की एसेट लायबिलिटी मैनेजमेंट कमेटी 10 अगस्त से प्रभावी कुछ अवधियों के लिए उधार दर में पांच आधार अंकों की बढ़ोतरी करेगी। केनरा बैंक 12 अगस्त से सभी अवधियों में उधार दर में पांच बीपीएस की बढ़ोतरी करेगा। लाइवमिंट के मुताबिक, केनरा बैंक ने एक नियामक फाइलिंग में कहा कि बेंचमार्क एक साल की अवधि MCLR, जिसका उपयोग ऑटो और व्यक्तिगत जैसे अधिकांश उपभोक्ता ऋणों की कीमत तय करने के लिए किया जाता है, 8.95 प्रतिशत की पिछली दर के मुकाबले 9 प्रतिशत होगी।