Highlights
- केंद्रीय केबिनेट इसी हफ्ते क्रिप्टो को लेकर तैयार कानून पर चर्चा कर सकती है
- सरकार इसका नाम और उपयोग बदलकर क्रिप्टो एसेट करने पर विचार कर रही है
- कैबिनेट की मंजूरी के बाद बिल मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बीतेे महीने से जारी उलझन जल्द सुलझ सकती है। केंद्रीय केबिनेट इसी हफ्ते क्रिप्टो को लेकर तैयार कानून पर चर्चा कर सकती है। शुरुआत में जब क्रिप्टो पर बैन लगाने की बात सामने आई थी। उसके बाद से बिटकॉइन समेत सभी प्रमुख क्रिप्टो करेंसी की कीमतें धड़ाम हो गई थीं। हालांकि अब पता चला है कि सरकार का क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध लगाने का कोई इरादा नहीं है। सरकार इसका नाम और उपयोग बदलकर क्रिप्टो एसेट करने पर विचार कर रही है। इसका मतलब यह है कि यह किसी मुद्रा के रूप में ट्रांजेक्शन के रूप में काम नहीं आएगी, बल्कि इसे एक एसेट माना जाएगा, जिसमें आप पैसा निवेश कर सकते हैं। इसे सेबी द्वारा विनियमित किया जाएगा।
क्रिप्टो पर जारी असमंजस के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में संसद में एक सवाल का जवाब देते हुए स्थिति स्पष्ट की है। राज्यसभा में क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित एक सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कैबिनेट की मंजूरी के बाद क्रिप्टो करेंसी सम्बन्धी बिल मौजूदा शीतकालीन सत्र के तीसरे सप्ताह में पेश किया जाएगा। यह एक जोखिम भरा क्षेत्र है जो पूर्ण नियामक ढांचे में नहीं है। इसलिए इस पर रोक लगाने का कोई फैसला नहीं लिया गया, बल्कि आरबीआई और सेबी के माध्यम से जनजागरूकता पैदा करने के लिए कतिपय कदम उठाए जा रहे हैं। इस सम्बन्ध में सरकार जल्द ही एक विधेयक पेश करेगी।
क्रिप्टो पर प्रतिबंध की गुंजाइश नहीं
सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने के बजाय एक नियामक ढांचे के तहत लाने का फैसला किया है। इस बाबत प्रस्तावित एक कानून के तहत डिजिटल मुद्रा क्रिप्टो करेंसी का नाम बदलकर क्रिप्टो-एसेट कर दिया जाएगा और इसे सेबी के नियामक दायरे में लाया जाएगा। वहीं, इस मामले की प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने के बजाय एक नियामक ढांचे के तहत लाने का सही फैसला किया है, जिससे कि ऐसी संपत्तियों पर चीन जैसी किसी कार्रवाई की आशंकाओं को शांत किया जा सके।
क्रिप्टो करेंसी नहीं ऐसेट होगी
प्रस्तावित कानून के तहत क्रिप्टोकरेंसी का नाम बदलकर क्रिप्टो-एसेट किया जाएगा और इसे भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियामक दायरे में लाया जाएगा। बता दें कि क्रिप्टो करेंसी पर सरकारी प्रतिबंध के बारे में छा चुकी आशंकाओं के कारण स्थानीय एक्सचेंजों पर भी कारोबार की जाने वाली क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य में गिरावट आई। आलम यह है कि क्रिप्टो करेंसी पर बिल पेश करने के बारे में जारी एक सरकारी अधिसूचना के बाद, बिटकॉइन भारतीय एक्सचेंज साइट वज़ीरएक्स पर 13 प्रतिशत से अधिक गिर गया, जबकि शीबा इनु और डॉगकोइन दोनों 15 प्रतिशत से अधिक गिर गए।