गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने टिकाऊ कृषि (Sustainable Agriculture) को प्रोत्साहित करने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये की दो बड़ी कृषि योजनाओं को मंजूरी दी। इन योजनाओं के नाम ‘पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना’ (पीएम-आरकेवीवाई) और ‘कृषोन्नति योजना’ (केवाई) हैं। पीएम-आरकेवीवाई योजना टिकाऊ खेती को बढ़ावा देगी तो वहीं दूसरी ओर कृषोन्नति योजना खाद्य सुरक्षा और खेती के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को समर्पित होगी। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिमंडल की एक अहम बैठक में कृषि मंत्रालय के तहत चलाए जाने वाले सभी केंद्र-प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) को दो बड़ी योजनाओं के रूप में युक्तिसंगत बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
कुल 1,01,321.61 करोड़ रुपये होंगे खर्च
सरकार ने एक्स पर किए पोस्ट में कहा कि इन दोनों कृषि योजनाओं पर कुल 1,01,321.61 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पीएम-आरकेवीवाई के लिए 57,074.72 करोड़ रुपये और कृषोन्नति योजना के लिए 44,246.89 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इन दोनों योजनाओं में 18 मौजूदा कृषि योजनाओं को भी शामिल किया गया है। केंद्र सरकार इन योजनाओं को राज्य सरकारों के माध्यम से चलाती है।
सभी मौजूदा योजनाएं रहेंगी जारी
आधिकारिक बयान के मुताबिक वर्तमान में जारी सभी योजनाएं चलती रहेंगी। जहां भी किसानों के कल्याण के लिए किसी क्षेत्र को बढ़ावा देना जरूरी समझा गया, वहां योजना को मिशन मोड में लिया गया है। कृषोन्नति योजना के एक घटक ‘पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट’ (एमओवीसीडीएनईआर) योजना में ‘विस्तृत परियोजना रिपोर्ट’ घटक को जोड़ा गया है। इससे पूर्वोत्तर के राज्यों को महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करने के लिए लचीलापन मिलेगा।
राज्य सरकारें व्यापक योजनाएं बनाने में होंगी सक्षम
सरकार ने कहा कि इन कृषि योजनाओं को युक्तिसंगत बनाने से राज्य सरकारें कृषि क्षेत्र के लिए अपनी जरूरतों के हिसाब से एक व्यापक रणनीतिक योजना बनाने में सक्षम होंगी। रणनीतिक दस्तावेज न सिर्फ फसलों के उत्पादन और पैदावार पर ध्यान केंद्रित करता है बल्कि जलवायु-अनुकूल कृषि और कृषि उत्पादों के लिए वैल्यू चेन अप्रोच के विकास के उभरते मुद्दों का भी उल्लेख करता है।
खेती से जुड़ी चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करने में मिलेगी मदद
सरकार ने कहा कि दोहराव से बचने, सम्मिलन को सुनिश्चित करने और राज्यों को लचीलापन देने के लिए अलग-अलग योजनाओं को युक्तिसंगत बनाया गया है। इससे खेती-किसानी की उभरती चुनौतियों जैसे- पोषण सुरक्षा, टिकाऊपन, जलवायु लचीलापन, वैल्यू चेन का विकास और प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी।
राज्य सरकारों को मिलेगी सुविधा
पीएम-आरकेवीवाई में राज्य सरकारों को अपने राज्य की खास जरूरतों के आधार पर एक से दूसरे घटक में पैसा अलॉट करने की फ्लेक्सिबिलिटी दी जाएगी। पीएम-आरकेवीवाई में सॉइल हेल्थ मैनेजमेंट, वर्षा-सिंचित क्षेत्र विकास, एग्रोफॉरेस्ट्री, परंपरागत कृषि विकास योजना, कृषि मशीनीकरण, प्रति बूंद ज्यादा फसल, फसल विविधीकरण कार्यक्रम, आरकेवीवाई डीपीआर घटक और कृषि स्टार्टअप के लिए कैटेलीटिक फंड शामिल है।
पीटीआई इनपुट्स के साथ