![सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/paisa-new-lazy-big-min.jpg)
मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी डिजिटल इंडिया मिशन (Digital India) को अब नई ताकत मिलने जा रही है। मोदी सरकार की इस फ्लैगशिप स्कीम के विस्तार के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 14,903 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी दे दी। सरकार ने बताया कि इस पहल का मकसद कौशल, साइबर सुरक्षा, उच्च क्षमता की गणना में डिजिटल पहल को बढ़ावा देने के साथ लोगों के लिए प्रौद्योगिकी को सुगम बनाना है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “बजट को समय-समय पर जरूरत के हिसाब से आवंटित किया गया है। हमने योजना में कुछ बदलाव किए हैं, जिसके लिए मंजूरी ली जानी थी।”
डिजिटल इंडिया को मिलेगी ताकत
अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार को मंजूरी दी गयी। इस पर 14,903 करोड़ रुपये का व्यय होगा।’’ मंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया विस्तार के तहत पूर्व में किये गये कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा। बजट परिव्यय वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक पांच वर्षों के लिए मंजूर किया गया है।
आईटी पेशेवरों को मिलेगी ट्रेनिंग
मंत्री ने कहा कि परियोजना के तहत 6.25 लाख आईटी पेशेवरों को नई प्रौद्योगिकी के हिसाब से कुशल बनाया जाएगा तथा उनके कौशल को निखारा जाएगा। साथ ही सूचना सुरक्षा और शिक्षा जागरूकता चरण (आईएसईए) कार्यक्रम के तहत 2.65 लाख लोगों को सूचना सुरक्षा में प्रशिक्षित किया जाएगा। विस्तारित डिजिटल इंडिया परियोजना के तहत राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनसीएम) में नौ और सुपर कंप्यूटर जोड़े जाएंगे। एनसीएम के तहत 18 सुपर कंप्यूटर पहले ही स्थापित किये जा चुके हैं। सरकार ने मार्च, 2015 में एनसीएम के अंतर्गत 4,500 करोड़ रुपये के परिव्यय से वर्ष 2022 तक 70 सुपरकंप्यूटर स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
MSME को भी मिलेगा डिजिलॉकर का फायदा
वैष्णव ने कहा कि डिजीलॉकर ऐप को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) तक विस्तार दिया जाएगा। इससे उन्हें ऐप पर दस्तावेजों को प्रमाणित कर कर्ज और अन्य सुविधाएं प्राप्त करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत 12 करोड़ कॉलेज विद्यार्थियों के लिए साइबर जागरूकता पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “साइबर फॉरेंसिक, आपात प्रतिक्रिया और साइबर मामले देखने वाले 'इंडियन कंप्यूटर इमर्जेन्सी रिस्पांस टीम' (सीईआरटी-इन) का विस्तार किया जाएगा।”
विश्वविद्यालयों में बनेंगे सेंटर आफ एक्सिलेंस
वैष्णव ने कहा कि 1,787 विश्वविद्यालयों और अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) संस्थानों के नेटवर्क नेशनल नॉलेज नेटवर्क को डिजिटल इंडिया इन्फोवेज के अनुरूप विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि, स्वास्थ्य और पर्यावरण से संबंधित पहल में कृत्रिम मेधा के उपयोग के लिए इस क्षेत्र में एक उत्कृष्टता केंद्र भी स्थापित किया जाएगा। विस्तारित डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में नए कार्यक्रम चलाए जाएंगे। विस्तारित कार्यक्रम में दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों के 1,200 स्टार्टअप को आर्थिक मदद करने का भी प्रावधान है।