इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास को प्रोत्साहन का सिलसिला जारी रखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के बागडोगरा और बिहार के बिहटा में 2,962 करोड़ रुपये की कुल अनुमानित लागत वाली हवाई अड्डा परियोजनाओं को मंजूरी दी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बागडोगरा हवाई अड्डे पर 1,549 करोड़ रुपये की लागत से एक नया सिविल एन्क्लेव विकसित किया जाएगा। जबकि बिहटा में 1,413 करोड़ रुपये की लागत से एक नया सिविल एन्क्लेव बनाया जाएगा।
बागडोगरा हवाई अड्डे पर टर्मिनल भवन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने ये फैसले लिए। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, बागडोगरा हवाई अड्डे पर नए सिविल एन्क्लेव के तहत 70,390 वर्ग मीटर क्षेत्र में टर्मिनल भवन बनाया जाएगा। इसकी क्षमता प्रति घंटे 3,000 यात्रियों को संभालने की होगी। जबकि इसकी वार्षिक क्षमता एक करोड़ यात्रियों को संभालने की होगी। इसके अलावा बागडोगरा हवाई अड्डे पर एक 'एप्रन' (विमानों को खड़ा करने एवं मरम्मत की जगह) भी बनाया जाएगा। वहां पर ए-321 किस्म के 10 विमानों को खड़ा करने, दो लिंक टैक्सीवे (हवाई पट्टियों को जोड़ने वाला मार्ग) और बहु-स्तरीय कार पार्किंग बनाई जाएगी। बयान में कहा गया है कि इस परियोजना से बागडोगरा हवाई अड्डे की परिचालन दक्षता और यात्री अनुभव में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इससे इस क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण हवाई यात्रा केंद्र के रूप में इसकी भूमिका मजबूत होगी। इसके अलावा, बिहार के बिहटा में 1,413 करोड़ रुपये की लागत से नया सिविल एन्क्लेव विकसित किया जाएगा।
बिहटा में नया एकीकृत टर्मिनल भवन
बिहटा में नया एकीकृत टर्मिनल भवन 66,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला होगा। यह प्रति घंटा 3,000 यात्रियों को संभालने की क्षमता से लैस होगा। जबकि इसकी सालाना क्षमता 50 लाख यात्रियों को संभालने की होगी। हालांकि, जरूरत होने पर बिहटा टर्मिनल की क्षमता को बढ़ाकर एक करोड़ यात्री प्रति वर्ष तक किया जा सकेगा। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, ‘‘यह बुनियादी ढांचा परियोजना पटना हवाई अड्डे की क्षमता अधिकतम स्तर पर पहुंचने की अनुमानित स्थिति में एक रणनीतिक कदम को दर्शाती है। हालांकि, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) पटना हवाई अड्डे पर एक नया टर्मिनल भवन बनाने की प्रक्रिया में है लेकिन आगे का विस्तार सीमित भूमि उपलब्धता के कारण बाधित है।’’ बयान के मुताबिक, ‘‘बिहटा में ए-321, बी-737-800, ए-320 किस्म के विमानों के लिए उपयुक्त 10 पार्किंग स्थलों वाले एक ‘एप्रन’ का निर्माण किया जाना है। इसके अलावा दो लिंक टैक्सीवे भी बनाए जाने का प्रस्ताव है।’’ फिलहाल देश में 157 परिचालन हवाई अड्डे हैं और यह सबसे तेजी से बढ़ते असैन्य विमानन बाजारों में से एक है।