Highlights
- बायजू ने 2,500 कर्मचारियों को निकालने का आदेश दिया है
- बायजूस ने पिछले साल 15 करोड़ डॉलर में Toppr को खरीदा था
- टॉपर ने कुछ दिन पहले 1,100 कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया था
Byju's: दुनिया की सबसे बड़ी एडटेक स्टार्टअप कंपनी में से एक बायजू ने 2,500 कर्मचारियों को निकालने का आदेश दिया है। बयान के अनुसार, "BYJUS के 50,000 कर्मचारियों में से लगभग पांच प्रतिशत को उत्पाद, सामग्री, मीडिया और प्रौद्योगिकी टीमों में चरणबद्ध तरीके से युक्तिसंगत बनाने की उम्मीद है।"
कंपनी ने यह भी कहा कि टॉपर, मेरिटनेशन, ट्यूटरविस्टा, स्कॉलर और हैशलर्न सहित भारत के 10 अधिग्रहणों को एक एकल व्यावसायिक इकाई में शामिल किया जाएगा, जबकि आकाश और ग्रेट लर्निंग अलग-अलग संगठनों के रूप में कार्य करना जारी रखेंगे।
बायजूस इंडिया के सीईओ मृणाल मोहित ने कहा कि एक परिपक्व संगठन के रूप में जो निवेशकों और हितधारकों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लेता है, हमारा लक्ष्य मजबूत राजस्व वृद्धि के साथ-साथ सतत विकास सुनिश्चित करना है। इन उपायों से हमें मार्च 2023 की निर्धारित समय सीमा में लाभ हासिल करने में मदद मिलेगी।
क्यों हो रही है छंटनी
बायजूस ने पिछले साल 15 करोड़ डॉलर में Toppr को खरीदा था। कंपनी का कहना है कि उसने Toppr के इंटिग्रेशन की प्रक्रिया पूरी कर ली है और उसके करीब 80 फीसदी कर्मचारियों को अपने पास रख लिया है। अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद Toppr के सेल्स और मार्केटिंग डिवीजन के कर्मचारियों को बनाए रखा गया है जबकि बाकी कर्मचारियों को निकाल दिया गया है। बायजूस ने अगस्त 2020 में वाइटहैट जूनियर को 30 करोड़ डॉलर में खरीदा था। निकाले गए कर्मचारियों में से अधिकांश कोड टीचिंग और सेल्स टीम के हैं।
जून में भी कंपनी ने 2,500 लोगों को नौकरी से निकाला
बायजू ने जून महीने में अपने 2500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था। बायजू रवीन्द्रन (Byju Raveendran) की इस स्टार्टअप यूनिकॉर्न ने यह छंटनी अपने ग्रुप में शामिल गई कंपनियों से की थी। सू्त्रों के मुताबिक, Toppr, WhiteHat Jr और सेल्स एंड मार्केटिंग, ऑपरेशंस, कंटेंट और डिजाइन टीमों से फुल-टाइम और कॉन्ट्रैक्ट वाले कर्मचारियों को निकाला गया था। माना जा रहा है कि कोेराना लॉकडाउन के बाद से एडटेक सर्विसेज की मांग में काफी गिरावट आई है।
टॉपर ने 1,100 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला
टॉपर ने कुछ दिन पहले 1,100 कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया था। यह कंपनी के कुल कार्यबल का करीब 36 प्रतिशत है। निर्णय से प्रभावित कुछ कर्मचारियों ने यह जानकारी दी है। टॉपर के बर्खास्त कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें कंपनी से ‘कॉल’ आया और इस्तीफा देने को कहा गया। ऐसा नहीं करने पर बिना नोटिस के नौकरी से हटाने की बात कही गयी। 300 से 350 परमानेंट कर्मचारियों को निकाल दिया गया है जबकि करीब 300 कर्मचारियों को रिजाइन करने को कहा गया है। साथ ही कॉन्ट्रैक्ट पर रखे गए 600 कर्मचारियों को निकाल दिया गया है। उनका कॉन्ट्रैक्ट अक्टूबर-नवंबर तक था।
इस्तीफा नहीं तो 1 महीने का वेतन नहीं
टॉटॉपर के बर्खास्त कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें सोमवार को कंपनी से ‘कॉल’ आया और इस्तीफा देने को कहा गया। ऐसा नहीं करने पर बिना नोटिस के नौकरी से हटाने की बात कही गयी। कंपनी के एक कर्मचारी ने बताया, ‘‘मैं रसायन शास्त्र विषय पढ़ाता हूं। मेरी पूरी टीम की छंटनी कर दी गयी है। टॉपर ने इस्तीफा देने को वालों को एक महीने का वेतन देने का वादा किया। ऐसा नहीं करने वालों को कोई वेतन नहीं दिया जाएगा।’’ टॉपर के सह-संस्थापक जीशान हयात को उनके व्हाट्सएप पर सवाल भेजकर इस बारे में जानकारी मांगी गयी, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया।
पिछले छह महीने से परेशानी में कंपनी
पिछले छह महीने कंपनी के लिए कठिन रहे हैं क्योंकि वित्त वर्ष 2011 की वार्षिक रिपोर्ट दाखिल करने में साल भर की देरी, बड़ी संख्या में छंटनी और धन उगाहने वाले मुद्दों ने इसके हितधारकों को हिला दिया है और कंपनी के प्रति उनके विश्वास को भी कमजोर करने का काम किया है।
BYJU ने वित्त वर्ष 2011 में 14 प्रतिशत से 327 मिलियन डॉलर का राजस्व संकुचन घोषित किया था और कहा गया था कि उसके व्यवसाय में वृद्धि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा राजस्व के आंकड़े में नहीं लिया गया था और लगभग 40 प्रतिशत राजस्व को बाद के वर्षों के लिए स्थगित कर दिया गया था।
राजस्व में साल दर साल आई कमी
वित्त वर्ष 2011 के परिणामों के अनुसार, कंपनी का राजस्व साल दर साल 3 प्रतिशत गिरकर समेकित आधार पर 2,428 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वर्ष 2,511 करोड़ रुपये था। BYJU ने FY21 में 4,589 करोड़ रुपये के नुकसान की सूचना दी, FY20 (2019-20) में 231.69 करोड़ रुपये के समायोजित नुकसान का लगभग 20 गुना।
आने वाले वर्ष में लगभग 10,000 और शिक्षकों को नियुक्त करने की योजना
बुधवार को एक बयान में कंपनी ने कहा कि छंटनी लागत में कटौती और समग्र लाभप्रदता हासिल करने के लिए एक कदम है। हालांकि, BYJU ने आने वाले वर्ष में लगभग 10,000 और शिक्षकों को नियुक्त करने की योजना का भी दावा किया है, जिससे वर्तमान में 20,000 शिक्षकों की संख्या बढ़ रही है।
कंपनी ने कहा, "समूह स्तर पर BYJU'S अपने विकास को बढ़ावा देना जारी रखेगा। कंपनी अपनी टीमों का विस्तार कर रही है और परिचालन शक्ति को और मजबूत करने के लिए वरिष्ठ नेतृत्व को काम पर रख रही है। पिछले तीन वर्षों में BYJU'S ने कई कंपनियों का अधिग्रहण किया है, जिनका मुख्य व्यवसाय के साथ एकीकरण अब पूरा हो गया है।
मार्केटिंग बजट में भी बदलाव करेगी कंपनी
कंपनी अधिक कुशल विकास के लिए अपने मार्केटिंग बजट में भी बदलाव करेगी। जैसा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में महत्वपूर्ण ब्रांड जागरूकता पैदा हुई है, BYJU का मानना है कि स्थानीय स्तर पर मार्केटिंग बजट को अनुकूलित करने और विदेशी बाजारों में ब्रांड जागरूकता बढ़ाने के लिए खर्च को प्राथमिकता देने की गुंजाइश है।
एडटेक कंपनी अपने बहुचर्चित सेल्स मॉडल में भी बदलाव करने की योजना बना रही है। अब भारत भर में कई इनसाइड सेल्स हब बनाए जाएंगे, जहां से BYJU के सेल्स एसोसिएट कॉल, ईमेल और जूम मीटिंग के जरिए इनकमिंग लीड तक पहुंचेंगे। कंपनी के अनुसार, आंतरिक बिक्री से ग्राहकों की संतुष्टि अधिक होगी और लागत कम होगी।
कंपनी के लिए गेमचेंजर बना कोरोना
COVID-19 महामारी कई कंपनियों के लिए एक गेम-चेंजर थी, क्योंकि इसने उन्हें नई चुनौतियों के बीच चुस्त और उत्पादक बने रहने के नए तरीके तलाशने के लिए प्रेरित किया है। एक तरफ जहां कोरोना महामारी के दौरान कई कंपनियों पर ताले लग गए तो वहीं स्कूल कॉलेज बंद होने का सीधा फायदा एडटेक स्टार्टअप को हुआ। इस इंडस्ट्री में पहले से कदम जमा चुकी बायजू ने कोरोना महामारी में शानदार ग्रोथ दर्ज की।