संकट में फंसी एडटेक कंपनी अब अपने ही निवेशकों से आर-पार करने के मूड में आ गई है। कंपनी ने कहा है कि निवेशकों के पास सीईओ बदलने पर वोटिंग का कोई अधिकार नहीं है, जिसमें फाउंडर और ग्रुप सीईओ बायजू रवींद्रन को रिप्लेस करने के लिए एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी जनरल मिटिंग (ईजीएम) की मांग की गई है। बायजू की पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड ने कहा कि वह कई निवेशकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिलने के बाद प्रस्तावित 200 मिलियन डॉलर के राइट्स इश्यू को जारी रखेगी।
कंपनी के खिलाफ साजिश रचने का आरोप
कर्मचारियों को लिखे एक अलग पत्र में, कंपनी ने कुछ निवेशकों पर संकट के इस समय में कंपनी के खिलाफ साजिश करने का आरोप लगाया। कंपनी ने अपने नेतृत्व को हटाने के लिए अभियान शुरू करने के एक दिन बाद निवेशकों पर पलटवार किया। कंपनी ने कहा, कुछ निवेशकों ने, हमारे सामने आए संकट को देखते हुए, इसे साजिश रचने और बायजू के ग्रुप सीईओ के रूप में हमारे फाउंडर को हटाने की मांग करने के अवसर के रूप में देखा।
निवेशकों के इस कदम से दुख हुआ
उन्होंने कहा, हमें कुछ निवेशकों के इस कदम से दुख हुआ है, जिन्हें मीडिया से सीधे बात करने के बजाय इस चुनौतीपूर्ण समय में हमारी लड़ाई में हमारा साथ देना चाहिए था। फाउंडर्स बायजू के सबसे बड़े निवेशक और सबसे बड़े फाइटर्स हैं। कंपनी ने कहा कि 200 मिलियन डॉलर के राइट्स इश्यू को पहले ही प्रस्तावित राशि के 100 प्रतिशत से अधिक की प्रतिबद्धता मिल चुकी है।
5 फरवरी तक सभी को वेतन देने का वादा
पत्र में, एडटेक फर्म ने यह भी कहा कि इन चुनिंदा निवेशकों द्वारा आर्टिफिशिल रूप से प्रेरित संकट के चलते इस महीने वेतन वितरण में थोड़ी देरी हो सकती है। कंपनी ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि 2 फरवरी से चरणबद्ध तरीके से वेतन का भुगतान किया जाएगा और यह प्रक्रिया सोमवार यानी 5 फरवरी तक पूरी हो जाएगी। पत्र में लिखा है, बायजू सर ने पिछले कई महीनों में हमारे वेतन का भुगतान करने की जिम्मेदारी व्यक्तिगत रूप से निभाई है, जिसमें हमारी वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना एकमात्र घर गिरवी रखना भी शामिल है। यह महीना भी अलग नहीं है।
बायजू ने कथित तौर पर जनवरी महीने के लिए अपने कर्मचारियों के वेतन में देरी की है। वेतन में देरी तब हुई जब अमेरिका में बायजू की अल्फा यूनिट ने डेलावेयर की अमेरिकी कोर्ट में चैप्टर 11 दिवालियापन की कार्यवाही के लिए दायर किया, जिसमें 1 बिलियन डॉलर से 10 बिलियन डॉलर की देनदारियों को सूचीबद्ध किया गया है।
इनपुट: आईएएनएस