घर की लगातार बढ़ती कीमत ने मध्यमवर्ग के आशियाना खरीदने के सपने को चकनाचूर कर दिया है। कोरोना महामारी के बाद देश के अधिकांश शहरों में घर की कीमत करीब दोगुनी हो गई है। इसके चलते अब नौकरीपेशा, 50 से 60 हजार मंथली कमाई करने वाले लोग घर खरीदने का ख्याल अपने मन से निकाल रहे हैं। एक बार फिर घर की कीमत बढ़ने की रिपोर्ट आई हे। आपको बता दें कि देश के आठ प्रमुख शहरों में घरों की औसत कीमतों में जनवरी-मार्च तिमाही में सालाना आधार पर 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। यानी 50 लाख की प्रॉपर्टी तीन महीने में ही 55 लाख की हो गई है। बेंगलुरु में सबसे अधिक 19 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
दिल्ली-एनसीआर में 16% बढ़े दाम
रियल एस्टेट सलाहकार कोलियर्स इंडिया और डेटा एनालिटिक कंपनी लियासेस फोरास की संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार, आठ शहरों में कीमतें चार प्रतिशत से 19 प्रतिशत तक बढ़ी हैं। आंकड़ों के अनुसार, जनवरी-मार्च, 2024 में बेंगलुरु में औसत आवास की कीमतें सालाना आधार पर 19 प्रतिशत बढ़कर 10,377 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं। यह पिछले साल की समान अवधि में 8,748 रुपये प्रति वर्ग फुट थी। आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कीमतें में 16 प्रतिशत, अहमदाबाद तथा पुणे में 13 प्रतिशत, हैदराबाद में नौ प्रतिशत, मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में छह प्रतिशत, कोलकाता में सात प्रतिशत और चेन्नई में चार प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
इस कारण बढ़ी कीमत
लियासेस फोरास के प्रबंध निदेशक पंकज कपूर ने कहा कि भारत के शीर्ष आठ शहरों में मजबूत बिक्री और नई आपूर्ति की शुरुआत के साथ संपत्ति की कीमतों में सालाना आधार पर 10 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। मध्यम मुद्रास्फीति और ब्याज दरों के साथ रियल एस्टेट क्षेत्र में यह मांग बनी रहने की उम्मीद है। क्रेडाई के अध्यक्ष बोमन ईरानी ने कहा कि आवास की कीमतों में वृद्धि देश भर में मकान खरीदारों द्वारा मजबूत आवास मांग का प्रत्यक्ष परिणाम है, खासकर प्रीमियम तथा लक्जरी खंड में।