Tuesday, December 24, 2024
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धनतेरस पर सोना या गोल्ड ETF खरीदें? जानें किसमें पैसा लगाने में है समझदारी

पिछले तीन साल में देखें तो सोने की कीमत में करीब 32,850 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। इस तरह पिछले तीन साल में सोने ने लगभग 68.9% का रिटर्न दिया है। पांच साल में सोने ने 108.9% का बंपर रिटर्न दिया है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Oct 23, 2024 7:26 IST, Updated : Oct 23, 2024 7:26 IST
Buying gold on Dhanteras
Photo:FILE धनतेरस पर सोने की खरीदारी

धनतेरस पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है। बहुत सारे लोग अपनी क्षमता के अनुसार सोने की ज्वैलरी, सिक्के आदि की खरीदारी धनतेरस के शुभ मुहूर्त पर करते हैं। इस बार सोने और चांदी की कीमत में रिकॉर्ड तेजी है। जहां सोने की कीमत 80 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गई है, वहीं चांदी भी लखटकिया हो गई है। ऐसे में अगर आप निवेश के लिए धनतेरस पर सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं तो आपको गोल्ड ज्वैलरी खरीदनी चाहिए या  गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड) में निवेश करना चाहिए। गोल्ड ईटीएफ निवेशकों को सोने या सोने से संबंधित एसेट क्लास में निवेश की अनुमति देता है, जिनका स्टॉक मार्केट में कारोबार होता है। आइए जानते हैं कि इन दोनों में आपको किसमें निवेश करना ज्यादा फायदेमंद रहेगा। 

निवेशकों को किसमें मिला बेहतर रिटर्न 

पिछले एक साल में सोने की कीमत में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। 21 अक्टूबर, 2023 को सोने की कीमत 61,690 रुपये प्रति 10 ग्राम थी जो 21 अक्टूबर, 2024 को बढ़कर 80,420 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। यानी कीमत में 18,730 रुपये की रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। यह लगभग 30.3% की प्रतिशत वृद्धि के बराबर है। वहीं अगर पिछले तीन साल में देखें तो सोने की कीमत में करीब 32,850 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। इस तरह पिछले तीन साल में सोने ने लगभग 68.9% का रिटर्न दिया है। पांच साल में सोने ने 108.9% का बंपर रिटर्न दिया है। अब अगर गोल्ड ईटीएफ स्कीम पर नजर डालें तो औसत एक साल में 29.12% का रिटर्न मिला है। वहीं, 3 साल और 5 साल में रिटर्न क्रमशः 16.93% और 13.59% रहा है। इस तरह यह फिजिकल गोल्ड के मुकाबले कम रिटर्न है। कमोडिटी एक्सपर्ट का कहना है कि अगर आप लंबे समय के लिए सोना में निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो फिजिकल गोल्ड खरीदना फायदेमंद होगा। वहीं, लिक्विडिटी चाहिए तो गोल्ड ईटीएफ एक बेहतर विकल्प होगा। 

ज्वैलरी के मुकाबले गोल्ड ईटीएफ बेचना आसान

भौतिक सोने में आमतौर पर निर्माण और भंडारण लागत के कारण अधिक कीमत चुकानी होती है। दूसरी ओर, गोल्ड ईटीएफ के अधिग्रहण और स्वामित्व की लागत कम महंगी होती है। गोल्ड ईटीएफ के साथ जुड़ी एक लागत ब्रोकरेज शुल्क है, जिसे खरीदने और बेचने पर चुकाना होता है। गोल्ड ईटीएफ का एक दूसरा फायदा यह है ​कि सोने की ज्वैलरी या सिक्के बेचने में अधिक समय लग सकता है, लेकिन गोल्ड ईटीएफ को शेयर बाजार में जल्दी से खरीदा या बेचा जा सकता है। अगर आप ट्रेडिंग के लिहाज से सोने में निवेश कर रहे हैं तो गोल्ड ईटीएफ का विकल्प चुन सकते हैं। 

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