Sunday, January 12, 2025
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कारोबारी ध्यान दें! इस साल जियो-पॉलिटिकल टेंशन, ट्रंप 2.0 और AI डालेंगे वैश्विक व्यापार पर गहरा असर

टेक्नोक्राफ्ट इंडस्ट्रीज के संस्थापक चेयरमैन एस के सराफ ने कहा कि घरेलू उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनने और अवसरों का लाभ उठाने के लिए नए युग की टेक्नोलॉजी में भारी निवेश करना होगा।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Jan 12, 2025 17:48 IST, Updated : Jan 12, 2025 17:48 IST
Business World
Photo:FILE वैश्विक व्यापार

नए साल की शुरुआत हो चुकी है। हालांकि, दुनियाभर से अच्छी खबरें नहीं आ रही है। दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट का दौर जारी है। वहीं, कई देशों से आर्थिक सुस्ती के भी संकेत मिल रहे हैं। इस बीच यह खबर भी चिंता पैदा करती है। आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि भू-राजनीतिक दबाव (जियो-पॉलिटिकल टेंशन), निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका में नए सिरे से ट्रेड वार की संभावना, स्थिरता-आधारित अड़चनों में वृद्धि, प्रमुख क्षेत्रों में चीन की अत्यधिक क्षमता और कृत्रिम मेधा (AI) जैसे फैक्टर 2025 में ग्लोबल ट्रेड (वैश्विक व्यापार) पर गहरा असर डालेंगे। विशेषज्ञों ने यह बात कही है। भारतीय निर्यातकों और आयातकों को इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिए। 

बिजनेस में AI की दखल तेजी से बढ़ी 

विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को अपनी AI रणनीति को प्राथमिकता देने की जरूरत है, क्योंकि यह कारोबार लॉजिस्टिक और आपूर्ति शृंखला प्रबंधन को बदलने और व्यापार के पारंपरिक तरीकों को नया आकार देने की क्षमता रखता है। व्यापार विशेषज्ञ और हाई-टेक गियर्स के चेयरमैन दीप कपूरिया ने कहा कि एआई तेजी से भविष्य के व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में उभर रहा है। एआई-आधारित डिजिटल बदलाव न केवल सेवा व्यापार को बढ़ावा देगा, बल्कि यह वाहनों से लेकर रोबोटिक्स और उससे भी आगे व्यापार योग्य एआई-आधारित वस्तुओं की पूरी नई श्रेणियां भी बना सकता है।

उन्होंने कहा, हालांकि भू-राजनीतिक दबाव को ‘प्रभावित’ कर पाना निजी क्षेत्र की क्षमता से परे है, लेकिन विकासशील देशों के व्यवसायों को पर्यावरणीय और सामाजिक, दोनों तरह के स्थिरता मापदंडों और बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए संसाधनों का इस्तेमाल करने की जरूरत है। कपूरिया ने कहा, कंपनियों के लिए जी वी सी (वैश्विक मूल्य शृंखला) में एकीकृत होने के लिए स्थिरता संकेतकों का अनुपालन करना भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यूरोपीय संघ (ईयू) के कॉरपोरेट स्थिरता उचित जांच-परख संबंधी निर्देशों के तहत कानूनी रूप से आपूर्ति श्रृंखला को टिकाऊ बनाना जरूरी हो जाता है।

नई टेक्नोलॉजी पर निवेश करना होगा 

टेक्नोक्राफ्ट इंडस्ट्रीज के संस्थापक चेयरमैन एस के सराफ ने कहा कि घरेलू उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनने और अवसरों का लाभ उठाने के लिए नए युग की टेक्नोलॉजी में भारी निवेश करना होगा। उन्होंने कहा कि निर्यातकों को अमेरिका को निर्यात बढ़ाने के तरीके तलाशने होंगे, क्योंकि अमेरिका द्वारा चीनी वस्तुओं पर उच्च शुल्क लगाने से उनके लिए बड़ी संभावनाएं खुलेंगी। अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन जैसे देशों पर उच्च शुल्क लगाने की चेतावनी दी है। कपूरिया ने कहा कि अमेरिका का दृष्टिकोण जवाबी कार्रवाई को आमंत्रित करने वाला है, जो मिलकर वैश्विक आपूर्ति शृंखला और व्यापार तथा एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) प्रवाह में महत्वपूर्ण व्यवधान पैदा कर सकता है। उन्होंने कहा कि पहले कोविड-19 महामारी, उसके बाद रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिम एशिया में संकट के कारण कई वर्षों के झटकों के बाद, पूरे महाद्वीप के देश अपने अंतरराष्ट्रीय व्यापार संबंधों का पुनर्मूल्यांकन कर रहे हैं। वे अपनी आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के अनुरूप नए साझेदारों के साथ जुड़ाव की संभावना तलाश रहे हैं। भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने कहा कि एक एजेंसी की जरूरत है जो घरेलू मैन्युफैक्चरिंग में कॉर्बन उत्सर्जन को माप सके। 

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