काशी विश्वनाथ की तरह अयोध्या (Ayodhya) देश में सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था का दूसरा मॉडल बनने जा रहा है। 22 जनवरी को यहां राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Pran Pratistha) होनी है। इसके बाद देश-विदेश से बड़ी संख्या में दर्शनार्थियों के अयोध्या पहुंचने की उम्मीद है। टूरिज्म बढ़ने के साथ ही अयोध्या में टैवल, हॉस्पिटैलिटी और लॉजिस्टिक्स बिजनेस बूम पर है। दिग्गज होटल कंपनियां अयोध्या में अपनी ब्रांचेज खोलने जा रही हैं। इनमें ताज, मैरियट, जिंजर, ओबेरॉय, ट्राइडेंट और रेडिसन शामिल हैं। इसके अलावा एक और बिजनेस अयोध्या में परवान चढ़ रहा है। यह होमस्टे का बिजनेस (Homestay business in ayodhya) है। इस बिजनेस से अयोध्या के हजारों परिवारों को रोजगार मिलने वाला है।
लोग अपने घरों को बना रहे होमस्टे
अयोध्या में बड़ी संख्या में लोगों ने होमस्टे खोलने के लिए आवेदन दिया है। अयोध्या विकास प्राधिकरण (ADA) के अधिकारियों के अनुसार, पिछले एक साल में 600 घरों ने होमस्टे प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया है। इनमें से 464 को प्रमाणपत्र प्रदान किया गया है और उन्होंने परिचालन शुरू कर दिया है। यूपी सरकार स्थानीय लोगों को अपने घरों में होमस्टे खोलने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, ताकि उन्हें आजीविका प्रदान की जा सके। सरकार ने होमस्टे को "गैर-व्यावसायिक उद्यम" के रूप में चिन्हित किया है। इससे होमस्टे को किसी भी वाणिज्यिक कर का भुगतान करने से छूट मिलती है। सरकार की इस पहल से बड़ी संख्या में लोग होमस्टे खोलने को प्रेरित हो रहे हैं।
रोजाना आएंगे 1 लाख दर्शनार्थी
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, एडीए के सलाहकार और होमस्टे योजना के नोडल अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि उन्हें अगले साल तक कम से कम 1000 होमस्टे तैयार करने का टार्गेट दिया गया है। इसका उद्देश्य शहर की प्रति व्यक्ति आय में इजाफा करना है। अयोध्या में कोई बड़ी इंडस्ट्री या कारखाने नहीं हैं, इसलिए यह आय का एक अच्छा स्रोत साबित होगा। मंदिर के उद्घाटन के बाद अयोध्या में प्रतिदिन करीब 1,00,000 तक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।
विलेज टूरिज्म को दिया जा रहा बढ़ावा
सिंह ने बताया कि 2-5 कमरों के साथ लोग अपने घरों में होमस्टे खोल सकते हैं। वे एक कमरे के लिए 1,500 से 2,500 रुपये प्रतिदिन का शुल्क ले सकते हैं। इसके अलावा अयोध्या के आसपास के गांवों में "ग्राम पर्यटन" को बढ़ावा देने के लिए कुच्चा या मिट्टी के घरों को लाने की भी योजना है। अब तक 18 लोगों ने इसके लिए आवेदन किया है, जिसमें से 2-3 को प्रमाणपत्र दिए गए हैं। होमस्टे के कॉन्सेप्ट से लोकल फूड को भी बढ़ावा मिलेगा।