Friday, October 25, 2024
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सबरीमाला तीर्थयात्रियों के लिए गुड न्यूज, फ्लाइट में केबिन बैगेज में अब ये चीज ले जा सकेंगे साथ

जरूरी एक्स-रे, ईटीडी (विस्फोटक ट्रेस डिटेक्टर) और शारीरिक जांच के बाद ही नारियल को केबिन में ले जाने की अनुमति दी जाएगी। सबरीमाला में भगवान अयप्पा मंदिर नवंबर के मध्य में दो महीने लंबे तीर्थयात्रा सत्र के लिए खुलेगा और तीर्थयात्रा सत्र जनवरी के आखिर तक चलेगा।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: October 25, 2024 23:54 IST
मौजूदा नियमों के तहत, ज्वलनशील होने के कारण केबिन बैगेज में नारियल ले जाने की अनुमति नहीं है। - India TV Paisa
Photo:FILE मौजूदा नियमों के तहत, ज्वलनशील होने के कारण केबिन बैगेज में नारियल ले जाने की अनुमति नहीं है।

अगर आप केरल में सबरीमाला की यात्रा पर जाने वाले हैं तो आपके लिए राहत भरी खबर है। सबरीमाला मंदिर जाने वाले तीर्थयात्री 20 जनवरी, 2025 तक फ्लाइट में अपने केबिन बैगेज में नारियल ले जा सकेंगे। विमानन सुरक्षा निगरानी संस्था नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) ने सीमित अवधि के लिए इसकी परमिशन दी है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, मौजूदा नियमों के तहत, ज्वलनशील होने के कारण केबिन बैगेज में नारियल ले जाने की अनुमति नहीं है। नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार यह जानकारी दी।

जांच के बाद ही ले जा सकेंगे नारियल

खबर के मुताबिक, एक बात यहां यह भी अच्छी तरह समझ लें कि जरूरी एक्स-रे, ईटीडी (विस्फोटक ट्रेस डिटेक्टर) और शारीरिक जांच के बाद ही नारियल को केबिन में ले जाने की अनुमति दी जाएगी। सबरीमाला में भगवान अयप्पा मंदिर नवंबर के मध्य में दो महीने लंबे तीर्थयात्रा सत्र के लिए खुलेगा और तीर्थयात्रा सत्र जनवरी के आखिर तक चलेगा। हर साल लाखों श्रद्धालु पहाड़ी मंदिर में आते हैं और उनमें से अधिकांश अपने साथ 'इरुमुडी केट्टू' (भगवान को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद, जिसमें घी से भरा नारियल भी शामिल है) ले जाते हैं।

इरुमुडी केट्टू' तैयार किया जाता है

आमतौर पर, सबरीमाला की तीर्थयात्रा करने वाले लोग 'केट्टुनिराकल' अनुष्ठान के हिस्से के रूप में 'इरुमुडी केट्टू' तैयार करते हैं और पैक करते हैं। अनुष्ठान के दौरान, नारियल के अंदर घी भरा जाता है, जिसे फिर अन्य प्रसाद के साथ बैग में रखा जाता है। बैग में तीर्थयात्रा के दौरान विभिन्न पवित्र स्थानों पर तोड़ने के लिए कुछ साधारण नारियल भी होते हैं। सिर पर 'इरुमुडी केट्टू' रखने वाले तीर्थयात्रियों को ही मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचने के लिए 18 पवित्र सीढ़ियां चढ़ने की अनुमति है। जो लोग इसे नहीं ले जाते हैं उन्हें गर्भगृह तक पहुंचने के लिए अलग रास्ता अपनाना पड़ता है।

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