पैकेज्ड सामान बनाने वाली कंपनी गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल) के एमडी और सीईओ सुधीर सीतापति ने बजट में घरेलू खपत बढ़ाने के उपायो पर जोर देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जीडीपी की तेज ग्रोथ अच्छी है लेकिन घरेलू खपत बढ़ाना बहुत जरूरी है। इसके लिए रूरल क्षेत्रों में डायरेक्ट ट्रांसफर और प्रोत्साहन पैकेज देने की जरूरत है। उन्होंने ये बाते जीसीपीएल द्वारा गुडनाइट लिक्विड वेपोराइजर में भारत का पहला स्वदेशी मॉलिक्यूल 'रेनोफ्लुथ्रिन' लॉन्च के अवसर पर कही। यह भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित और पेटेंट किया गया मॉलिक्यूल है जो मच्छर नियंत्रण के लिए सबसे प्रभावी लिक्विड वेपोराइजर फॉर्मूलेशन बनाता है।
दिवाली तक ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी रिकवरी होगी
सीतापति ने कहा कि अच्छे मानसून और सरकारी उपायों के कारण साल की दूसरी छमाही में ग्रामीण बाजारों में सुधार की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि मानसून भी काफी अच्छा लग रहा है। इसलिए मैं ग्रामीण इलाकों में सुधार को लेकर काफी आशावादी हूं। पिछले दो-तीन सालों से मैं निश्चित नहीं था, लेकिन मुझे लगता है कि दिवाली तक हम ग्रामीण इलाकों में कुछ अच्छी रिकवरी देखेंगे। जीसीपीएल के लिए मार्च तिमाही में शहरी और ग्रामीण दोनों बाज़ारों में "समान स्तर" पर वृद्धि हुई। जीसीपीएल घरेलू कीटनाशकों के बाजार में अपने उत्पादों को तेजी से लॉन्च कर रही है, जहां यह हिट मच्छर भगाने वाले उत्पाद भी बेचती है। नए गुडनाइट उत्पाद से जीसीपीएल को लाभ मिलने की उम्मीद है, जो भारत में घरेलू कीटनाशकों के 6,000 करोड़ रुपये के बाजार के आधे हिस्से को नियंत्रित करता है।
देश की एकलौती कंपनी के पास यह फॉर्मूला
गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल) के वैज्ञानिकों ने अपने साझेदार के साथ मिलकर 'रेनोफ्लुथ्रिन' विकसित किया है। भारत ने मच्छर जनित बीमारियों के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि है। रेनोफ्लुथ्रिन से बने फॉर्मूलेशन भारत में वर्तमान में उपलब्ध लिक्विड वेपोराइजर फॉर्मेट में किसी भी अन्य रजिस्टर्ड फॉर्मूलेशन की तुलना में मच्छरों के खिलाफ दोगुना प्रभावी है। घरेलू कीटनाशकों की श्रेणी में अग्रणी जीसीपीएल अपने नए गुडनाइट फ्लैश लिक्विड वेपोराइजर में रेनोफ्लुथ्रिन फॉर्मूलेशन पेश कर रहा है, जो भारत का सबसे प्रभावशाली लिक्विड वेपोराइजर है। हर दशक में मच्छरों से लड़ने के लिए नए मॉलिक्यूल फॉर्मूलेशन की जरूरत पड़ती है।
चीनी विकसित मॉलिक्यूल का इस्तेमाल खतरनाक
पिछले इनोवेशन के 15 साल से ज्यादा समय बीतने के बाद, भारत में बड़ी संख्या में लोग मच्छरों को भगाने के लिए अगरबत्ती जैसे हाइली पोटेंट रिप्लेंट फॉर्मेट आजमाने लगे हैं, इनमें अपंजीकृत और अवैध चीनी विकसित मॉलिक्यूल का इस्तेमाल किया जाता है। इसने विभिन्न चैनलों से भारत में अपंजीकृत और अवैध चीनी पोटेंट रिप्लेंट मॉलिक्यूल की आमद को भी बढ़ावा दिया है। जीसीपीएल और उसके साझेदार ने ‘रेनोफ्लुथ्रिन’ और इसके फॉर्मूलेशन को विकसित करने के लिए 10 साल से ज़्यादा समय तक शोध और विकास में बड़े पैमाने पर निवेश किया। एक साझेदार द्वारा पेटेंट किए जाने के बाद, जीसीपीएल के पास मध्यम अवधि तक भारत में इस मॉलिक्यूल के विशेष उपयोग के अधिकार हैं।
63% भारतीय लिक्विड वेपोराइजर को करते हैं पसंद
गुडनाइट द्वारा किए गए शोध से पता चलता है कि 63% भारतीय अपने परिवार को मच्छरों से बचाने के लिए लिक्विड वेपोराइजर को अपनी पहली पसंद मानते हैं। ऐसे में जीसीपीएल ने गुडनाइट फ्लैश लिक्विड वेपोराइजर में क्रांतिकारी मॉलिक्यूल रेनोफ्लुथ्रिन को शामिल किया है। नया लिक्विड वेपोराइजर मच्छरों को 2 गुना तेजी से भगाएगा और बंद होने के बाद भी 2 घंटे तक काम करेगा। सुधीर सीतापति ने आगे कहा,जीसीपीएल को मध्यम अवधि में इस पेटेंटेड रेनोफ्लुथ्रिन अणु का उपयोग करने का स्पेशल राइट मिले हैं। यह गुडनाइट फ्लैश लिक्विड वेपोराइजर फॉर्मूलेशन को बाजार में उपलब्ध किसी भी अन्य फॉर्मूलेशन की तुलना में 2 गुना अधिक प्रभावी है। हालांकि रेनोफ्लुथ्रिन अभी भारत में ही इस्तेमाल होगा लेकिन हमें लगता है कि हमारे परिचालन वाले अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इस मॉलिक्यूल के लिए काफी संभावनाएं हैं।