आम बजट की तैयारी चल रही है। 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट पेश करेंगी। इस बार के बजट पर सभी की नजर है। ऐसा इसलिए कि भीरतीय जीडीपी की रफ्तार सुस्त हुई है। इसको तेज करने के लिए वित्त मंत्री कई उपाय कर सकती हैं। वहीं, होम बायर्स भी इस बजट से कई तरह की उम्मीदें लगाए हुए हैं। आइए जानते हैं कि रियल एस्टेट सेक्टर के विशेषज्ञों ने वित्त मंत्री के सामने क्या-क्या मांग रखी है?
2025 से ये बड़े सुधारों की उम्मीद
होम लोन छूट की सीमा बढ़े: क्रेडाई एनसीआर के अध्यक्ष और गौड़ ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ का कहना है कि रियल एस्टेट देश की आर्थिक तरक्की का आईना है। हम उम्मीद करते हैं कि सरकार विकास की रफ्तार तेज करने के लिए जरूरी कदम उठाएगी। घर की बढ़ती कीमत खरीदारों पर बड़ा वित्तीय बोझ डाल रही हैं। इसलिए सेक्शन 80 (सी) के तहत टैक्स छूट की सीमा को 1.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करना जरूरी है। सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) के फाउंडर और चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि अगर हाउसिंग लोन पर टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर ₹5 लाख कर दी जाए, तो यह घर खरीदने वालों के लिए बड़ी राहत होगी। इससे लाखों लोगों को अपना घर खरीदने का सपना पूरा करने में मदद मिलेगी।
रियल एस्टेट को 'इंडस्ट्री' का दर्जा मिले: काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर अमित मोदी का कहना है कि रियल एस्टेट सेक्टर की पुरानी मांग है कि इसे उद्योग का दर्जा दिया जाए, ताकि कम ब्याज पर फाइनेंस मिल सके और इसका फायदा सीधा ग्राहकों तक पहुंचे। साथ ही, प्रोजेक्ट समय पर पूरे हों और लागत कम रहे, इसके लिए सिंगल-विंडो क्लियरेंस जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि घरों के लिए जीएसटी इनपुट क्रेडिट वापस लाना कीमतों को स्थिर रखने में मदद करेगा। एसकेए ग्रुप के डायरेक्टर संजय शर्मा ने कहा कि रियल एस्टेट देश के सबसे बड़े रोजगार देने वाले सेक्टरों में से एक है। अगर इसे इंडस्ट्री का दर्जा मिल जाए, तो इससे इस सेक्टर को और मजबूती मिलेगी।
सिंगल विंडो क्लीयरेंस समय की मांग: अंसल हाउसिंग के डायरेक्टर कुशाग्र अंसल ने कहा कि अगर सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम लागू होता है, तो डेवलपर्स को मंजूरी लेने में कम समय लगेगा। इससे प्रोजेक्ट्स जल्दी पूरे होंगे और घर खरीदने वालों को जल्दी घर मिल सकेंगे। रहेजा डेवलपर्स के वाइस प्रेसिडेंट मोहित कालिया ने कहा कि सस्ते घरों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। अगर इनकम टैक्स में छूट बढ़ाई जाए, तो लोग ज्यादा घर खरीदने के लिए प्रेरित होंगे।
आम आदमी को मिले राहत: भूमिका ग्रुप के सीएमडी उद्धव पोद्दार का कहना है कि हमारी सबसे बड़ी उम्मीद है कि होम लोन की किस्तों पर मिलने वाली सेक्शन 80C की छूट की सीमा बढ़ाई जाए। क्रीवा और कनोडिया ग्रुप के फाउंडर डॉ. गौतम कनोडिया का कहना है कि रियल एस्टेट सेक्टर भारत की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा है, और हमें उम्मीद है कि आने वाला बजट ऐसे सुधार लाएगा, जो बाजार में पैसों की कमी को दूर करेंगे। सरकार को टैक्स में राहत देने और कंस्ट्रक्शन के सामान पर जीएसटी कम करने पर ध्यान देना चाहिए।