कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को राज्य के कृषि मंत्रियों के साथ विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने केंद्रीय बजट से पहले चल रहे कार्यक्रमों और बजट आवंटन पर उनके सुझाव मांगे। एक सरकारी बयान के अनुसार, एक वर्चुअल बैठक के दौरान, चौहान ने वित्तवर्ष 2024-25 में कृषि और संबद्ध क्षेत्र की 3.5 से 4 प्रतिशत की संभावित हाई ग्रोथ रेट पर संतोष व्यक्त किया और राज्य सरकारों से तेज गति से काम करने का आग्रह किया। उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट का स्वागत किया, जिसमें दिखाया गया है कि ग्रामीण गरीबी दर वित्तवर्ष 2023 के 7.2 प्रतिशत से घटकर वित्तवर्ष 2024 में पहली बार पांच प्रतिशत से नीचे आ गई है।
नई कृषि पद्धतियों पर भी ध्यान केंद्रित कर रही सरकार
मंत्री ने कहा कि केंद्र कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए छह सूत्री रणनीति को लागू कर रहा है, जिसमें आईसीएआर द्वारा अनुसंधान के माध्यम से प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ाना और नई बीज किस्में जारी करना शामिल है। सरकार उत्पादन लागत कम करने, सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देने, कृषि मशीनीकरण, प्रौद्योगिकी अपनाने और नई कृषि पद्धतियों पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। चौहान ने पीएम-किसान, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, डीएपी उर्वरक सब्सिडी, किसान क्रेडिट कार्ड और प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएमएएएसए) सहित प्रमुख योजनाओं में प्रगति पर प्रकाश डाला।
एग्रीकल्चर सेक्टर में डेवलपमेंट पर जोर
उन्होंने कहा, ''कृषि क्षेत्र में निरंतर प्रगति हो रही है और हम सभी इसके लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि हम बजट, योजनाओं में सुधार के बारे में सुझाव साझा करेंगे और उस दिशा में मिलकर आगे बढ़ेंगे।'' बैठक में कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।